देश में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। ओरिजिनल पावर मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की है कि बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह फैसला राज्य की ऊर्जा क्षमता को मजबूत करने और पूर्वी भारत में औद्योगिक विकास को गति देने के लिहाज़ से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बिहार ने इस कॉन्फ्रेंस में न्यूक्लियर पावर प्लांट की मांग की थी, जिस पर केंद्र ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय मंत्री खट्टर ने कहा, “बिहार सरकार अगर न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट बनाना चाहती है तो केंद्र उसकी हरसंभव मदद करेगा।”
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मंत्री खट्टर ने कहा कि आने वाले समय में भारत को और अधिक ऊर्जा की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि अभी देश 242 गीगावॉट की ऊर्जा मांग को पूरा कर रहा है, लेकिन दिसंबर तक यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “आज हम न केवल अपनी जरूरत पूरी कर रहे हैं, बल्कि कुछ प्रदेशों से बिजली भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश को भी एक्सपोर्ट की जा रही है। नेपाल से हम आवश्यकतानुसार बिजली का आयात-निर्यात भी करते हैं।”
साइबर सिक्योरिटी और ट्रांसमिशन पर भी फोकस
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि साइबर सुरक्षा आज एक बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने बताया कि सभी राज्यों में ट्रेंड साइबर सिक्योरिटी स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे ताकि भविष्य में साइबर अटैक को रोका जा सके। उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान हुई साइबर हमले की कोशिश का भी ज़िक्र किया, लेकिन बताया कि सिस्टम ने तब भी बेहतर काम किया।
स्मार्ट मीटर और रिन्यूएबल एनर्जी पर ज़ोर
देशभर में अब तक 80 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मंत्री खट्टर ने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भी भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और डिमांड-सप्लाई बैलेंस करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। ट्रांसमिशन नेटवर्क को मज़बूत करने के लिए केंद्र सरकार वन विभाग से समन्वय कर रही है ताकि फॉरेस्ट क्लीयरेंस जैसी अड़चनों को समय रहते दूर किया जा सके।