बिहार की एक साधारण लड़की, खुशबू कुमारी, जिसने गरीबी के अंधेरे में अपने डॉक्टर बनने के सपने को बुझता हुआ देखा था, आज फिर से उम्मीदों की रोशनी में नहा रही है। पटना जिले के दानापुर की रहने वाली खुशबू ने हेतनपुर स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय से अपनी स्कूली पढ़ाई की, लेकिन आर्थिक तंगी ने उसके विज्ञान विषय में प्रवेश लेने के सपने को चकनाचूर कर दिया। मजबूर होकर उसे कला संकाय में दाखिला लेना पड़ा।
लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की पहल ने खुशबू के सपनों को फिर से जीवित कर दिया।
शिक्षा मंत्री का हस्तक्षेप: बदली खुशबू की तकदीर
जैसे ही यह मामला केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के संज्ञान में आया, उन्होंने खुद खुशबू से फोन पर बातचीत की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आर्थिक तंगी उसकी शिक्षा में बाधा नहीं बनेगी। उन्होंने पटना के जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि खुशबू को जीव विज्ञान विषय में प्रवेश दिलाया जाए और उसे पढ़ाई के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाए।
खुशबू के चेहरे पर लौटी मुस्कान
इस मदद के बाद खुशबू और उसके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। खुशी से सराबोर खुशबू ने कहा कि “पापा का सपना था कि मैं डॉक्टर बनूं, लेकिन पैसे की कमी के कारण मेरा सपना टूट गया था। लेकिन धर्मेंद्र प्रधान सर का फोन आया और उन्होंने मेरी बात सुनी, अब मुझे विश्वास है कि मेरा सपना सच हो सकता है।”
खुशबू के पिता का भावुक बयान
खुशबू के पिता, जो अपनी बेटी को डॉक्टर बनते देखना चाहते थे, लेकिन हालात से मजबूर थे, उन्होंने कहा कि “पैसे की तंगी के कारण हमें उसे आर्ट्स में एडमिशन दिलाना पड़ा। लेकिन अब जब खुद शिक्षा मंत्री और जिलाधिकारी मदद को आगे आए हैं, तो हमें भरोसा हो गया है कि हमारी बेटी का भविष्य उज्ज्वल होगा।”
मां ने जताया आभार, बेटी के भविष्य पर उम्मीदें टिकीं
खुशबू की मां, चूनाक्षी देवी ने कहा कि “हमारी मजबूरी थी कि बेटी को आर्ट्स में दाखिला दिलाना पड़ा, लेकिन अब लग रहा है कि वह डॉक्टर बनेगी। धर्मेंद्र प्रधान सर, एसडीएम और जिलाधिकारी सभी ने हमें भरोसा दिलाया है कि कोई भी आर्थिक परेशानी उसकी पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगी। जो सपना हमें अधूरा लगता था, वह अब पूरा होता दिख रहा है।”
खुशबू बनेगी प्रेरणा, शिक्षा की राह होगी आसान
खुशबू की यह कहानी सिर्फ एक लड़की के संघर्ष की नहीं है, बल्कि यह उस व्यवस्था का भी उदाहरण है जहां सही समय पर सही व्यक्ति की मदद किसी की तकदीर बदल सकती है। शिक्षा मंत्री की इस पहल से यह संदेश भी मिलता है कि अगर सरकार की योजनाएं सही दिशा में लागू की जाएं, तो कोई भी बच्चा सिर्फ पैसे की कमी के कारण अपने सपनों से समझौता नहीं करेगा।
अब खुशबू का सपना फिर से जिंदा हो गया है। विज्ञान की पढ़ाई की राह पर बढ़ते हुए, वह ना सिर्फ खुद के लिए, बल्कि उन तमाम बच्चों के लिए भी प्रेरणा बनेगी जो हालात से जूझते हुए अपने सपनों को पूरा करने की चाह रखते हैं।