नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अध्यक्ष रवि मनुभाई परमार की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि परमार की नियुक्ति अवैध है और यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि बीपीएससी अध्यक्ष के रूप में परमार की नियुक्ति उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और जालसाजी के आरोपों के चलते विवादित है। याचिका में दावा किया गया है कि परमार के खिलाफ ईमानदारी को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं, और इस प्रकार उनके द्वारा बीपीएससी के अध्यक्ष के रूप में कार्य करना लोक सेवा आयोग के लिए खतरे का कारण हो सकता है।
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इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से जवाब तलब किया है। जनहित याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह मामला विशेष रूप से 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा के बाद उठाया गया, जब छात्रों के आंदोलन और परीक्षाओं को लेकर असंतोष उत्पन्न हुआ था।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि परमार की नियुक्ति पूरी तरह से मनमाने तरीके से की गई थी, जिससे बीपीएससी की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है। इस मामले पर आगे की सुनवाई जारी रहेगी, और बिहार सरकार को जल्द से जल्द इस पर अपना जवाब दाखिल करना होगा।