बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग पर अभ्यर्थियों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। पटना के गर्दनीबाग में प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी पिछले 34 दिनों से डटे हुए हैं। इस बीच, समाजसेवी गुरु रहमान ने उनकी आवाज को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल और BPSC अध्यक्ष को खून से खत लिखा है। मीडिया से बातचीत में गुरु रहमान ने कहा कि “BPSC की 70वीं परीक्षा में बापू परीक्षा केंद्र पर हुई गड़बड़ी की मैं लगातार बात उठा रहा हूं। जब अभ्यर्थियों के मन में परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर संशय है, तो लोकतंत्र में यह आवश्यक है कि उनकी मांग सुनी जाए।”
उन्होंने आगे कहा कि “34 दिनों से छात्र ठंड में भूखे-प्यासे प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार और आयोग का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा। इसलिए मैंने खून से खत लिखकर अपील की है कि बच्चों की मांग पर विचार कर परीक्षा रद्द की जाए।”
गुरु रहमान ने यह भी कहा कि वह छात्रों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, “अगर मेरा खून बच्चों के काम आ जाए और परीक्षा दोबारा हो, तो मैं मरने के लिए तैयार हूं। मुझे हाथ काटना पड़े या गर्दन, मैं तैयार हूं।” हालांकि, उन्होंने छात्रों से ऐसा कोई कदम न उठाने की अपील की।
पटना में जारी इस आंदोलन को कई प्रमुख नेताओं और संगठनों का समर्थन मिला है। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने प्रदर्शनकारियों का पक्ष लिया है। प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर आमरण अनशन भी किया था।
गौरतलब है कि BPSC ने बापू परीक्षा केंद्र पर हुई गड़बड़ी को स्वीकार करते हुए वहां की परीक्षा रद्द कर दी थी और दोबारा परीक्षा आयोजित की। लेकिन प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी सभी परीक्षा केंद्रों पर ली गई परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
BPSC विवाद अब न्यायालय की चौखट पर पहुंच चुका है। अभ्यर्थियों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं थी, जिससे उनका भविष्य दांव पर लग गया है।