सचिवालय सहायक सहित अन्य पदों पर नियुक्ति के लिए BPSC(बिहार कर्मचारी चयन आयोग) द्वारा तृतीय स्नातक स्तरीय पीटी परीक्षा 26 और 27 नवंबर 2022 को आयोजित होने वाली है। इस परीक्षा मे पारदर्शिता की मांग छात्र नेताओं की तरफ से उठाई जा रही है। पेपरलीक एवं धांधली-सेटिंग जैसी घटनों को लेकर छात्रों के मन शंका बनी हुई है है। राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार में आठ साल बाद सचिवालय सहायक सहित कई अन्य पदों हेतु तृतीय स्नातक स्तरीय बहाली आयी है। बिहार के लाखों युवाओं द्वारा इस बहाली के आने का इंतजार किया जा रहा था। प्रथम और द्वितीय स्नातक स्तरीय बहाली मे कोई पारदर्शिता नहीं थी। द्वितीय स्नातक स्तरीय के मेरिट लिस्ट का कट ऑफ इतना अधिक गया था जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। उन्होंने कहा कि BPSC परीक्षा में पारदर्शिता लाए वरना आंदोलन होगा।
छात्र नेता दिलीप कुमार की मांग
- 67 वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा की तरह तृतीय स्नातक स्तरीय परीक्षा मे भी प्रश्न पत्र मे क्यू आर कोड और क्वेश्चन बुकलेट न. दिया जाए
- परीक्षा समाप्ति बाद क्वेश्चन बुकलेट एवं ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी परीक्षार्थियों को दिया जाए
- एक सप्ताह के अंदर उत्तर कुंजी (आंसर की) जारी किया जाए
- रिजल्ट प्रकाशन के साथ ही कट ऑफ और सभी परीक्षार्थियों का मार्क्स जारी किया जाए
मांग हो पूरी वरना होगा आंदोलन
दिलीप कुमार ने कहा यदि BPSC मांगो को नहीं मानेगी तो उसके कार्यालय के बाहर छात्र हंगामा करेंगे। उन्होंने कहा कि क्वेश्चन बुकलेट , OMR शीट की कार्बन कॉपी, उत्तर कुंजी, कट ऑफ और सभी परीक्षार्थियों का मार्क्स जारी करने से ना तो देश की सुरक्षा को कोई खतरा है और ना ही आयोग को कोई नुकसान है। आखिर परीक्षार्थियों को मालूम होना चाहिए कि आयोग ने किस प्रश्न के कौन से उत्तर को सही माना है और कितना मार्क्स आया है। अगर पारदर्शिता नहीं लायी गई तो इस बार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और लगातार आंदोलन होगा। बता दें कि कुल 2248 पदों के लिए परीक्षा होने वाली है, जिसके लिए लगभग 9 लाख अभ्यर्थीयों ने आवेदन हैं।