एडटेक कंपनी बायजूज (Byjus) के संस्थापक बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) को कंपनी से निकाले जाने को लेकर आज आज आपातकालीन आम बैठक (EGM) होगी। कंपनी के बोर्ड मेंबर और प्रमुख निवेशकों के एक ग्रुप ने बैठक बुलाई है। इसमें रवींद्रन, उनकी पत्नी और भाई को कंपनी से बाहर निकालने के लिए वोटिंग की जाएगी। हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने रवींद्रन को बड़ी राहत दी है। बुधवार को कोर्ट ने आदेश जारी किया कि ईजीएम में लिया गया कोई निर्णय अगली सुनवाई तक मान्य नहीं रहेगा। दरअसल, बायजू की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को करेगी।
कंपनी में रवीन्द्रन परिवार की 26.3 फीसदी हिस्सेदारी
ईजीएम की बैठक जिन शेयर होल्डरों ने बुलाई है, उनकी सामूहिक रूप से कंपनी में 32 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। जबकि, रवींद्रन और उनके पारिवारिक सदस्यों के पास 26.3 फीसदी शेयर है। निवेशकों ने रवींद्रन और उनके परिवार पर कुप्रबंधन और विफलता का आरोप लगाया है।
दुबई में हैं रवींद्रन
तीन साल से बायजू रवींद्रन ने दिल्ली और दुबई को ठिकाना बना रखा है। वह इस हफ्ते की शुरुआत में बेंगलुरु और फिर दिल्ली में थे। फिलहाल दुबई में हैं। लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद रवींद्रन के विदेश जाने पर पूरी तरह से रोक लगेगी।
यूके-यूएस तक फैला बायजू
रवींद्रन और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने साल 2011 में बायजूज की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न शुरू किया था। कंपनी ने साल 2015 में मोबाइल एप बनाया था, जिसका नाम बायजूज रखा। कंपनी अक्तूबर 2018 तक देश की पहली एडटेक यूनिकॉर्न बनी। एप यूके-यूएस समेत अंग्रेजी बोलने वाले कई देशों तक फैला है। एप को जुलाई 2022 तक 150 मिलियन से अधिक डाउनलोड किया गया था।
संस्थापकों की संपत्ति
फोर्ब्स की रिपोर्ट बताती है कि साल 2020 तक बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजुरवींद्रन की कुल संपत्ति 3.4 बिलियन डॉलर थी।
2022 में हुआ घाटा दोगुना
वित्त वर्ष 2022 में बायजूज को 8245 करोड़ का घाटा हुआ था। वित्त वर्ष 2021 में घाटा 4,564 करोड़ रुपए था। मतलब घाटा लगभग दोगुना हुआ।
पैसा विदेश में भेजने का आरोप
कंपनी के विरुद्ध फेमा जांच से जानकारी मिली कि कंपनी को साल 2011 से साल 2023 तक 28 हजार करोड़ का एफडीआई मिला। कई देशों में कंपनी ने 9754 करोड़ रुपए भेजे।