सीबीआई ने शनिवार देर शाम राउज एवेन्यू कोर्ट में लैंड फॉर जॉब केस में अपनी दलील पूरी की। केंद्रीय जांच आयोग (CBI) ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रेलवे मंत्री लालू यादव को इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। सीबीआई के बाद अब लालू यादव के वकील अपना पक्ष रखेंगे। कल रविवार होने के कारण कोर्ट ने उन्हें सोमवार का वक्त दिया है।
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बता दें कि मंगलवार को लैंड फॉर जॉब्स मामले में कोर्ट ने महत्वपूर्ण सुनवाई करते हुए CBI द्वारा दायर फाइनल चार्जशीट पर विचार करते हुए लालू यादव, उनके बड़े बेटे तेजप्रताप और बेटी हेमा यादव समेत अन्य आरोपियों को 11 मार्च को अदालत में उपस्थित होने का आदेश जारी किया था। इस केस में कुल 79 व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। जिसमें 30 लोक सेवक शामिल हैं। इस केस में लालू यादव के कई सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया है।
इससे पहले कोर्ट ने 21 फरवरी 2025 को 25 फरवरी के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। फिर इसे बाद 11 मार्च तक फैसला टाल दिया था। लेकिन इसी जुड़े कई मामलों में कोर्ट की कार्रवाई जारी है और इस क्रम में आज मनी लॉंड्रिंग मामले में सुनवाई है। हालांकि, इस मामले में आरोपियों की पेशी नहीं होनी है और आरोपियों के वकील कोर्ट में उपस्थित होंगे। वहीं, इसी मामले में एक अहम सुनवाई 7 मार्च को है। उन तमाम आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश होना होगा। वहीं, अगर कोई आरोपी पेश नहीं होगा तो उसे वीडियो काॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होना होगा।
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लैंड फॉर जॉब घोटाला में आरोप है कि रेलवे में नौकरियां देने के बदले जमीन ली गई। यह घोटाला उस समय का बताया जाता है जब लालू प्रसाद यादव वर्ष 2004 से 2009 के बीच केंद्रीय रेल मंत्री थे। इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों, खासतौर पर उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर भी आरोप लगे थे। आरोप लगे हैं कि रेलवे में ग्रुप D और अन्य पदों पर भर्ती के बदले गरीब लोगों से उनकी जमीनें बहुत कम दामों पर ली गईं या गिफ्ट के रूप में ट्रांसफर करवाई गईं। ये जमीनें लालू यादव और उनके परिवार से जुड़े लोगों के नाम पर ली गईं।