बिहार की राजनीति में तेज़ी से सक्रिय होती लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अपने इरादे साफ कर दिए हैं। पटना में गुरुवार को आयोजित पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में 243 सीटों पर निर्णायक उपस्थिति दर्ज कराने और महादलितों व बहुजन समाज के लिए विशेष संघर्ष की रणनीति पर ठोस निर्णय लिए गए। यह बैठक शाहाबाद क्षेत्र में आयोजित ‘नव संकल्प महासभा’ के बाद हुई, जिसे चिराग पासवान के लिए नई राजनीतिक पिच के रूप में देखा जा रहा है।
5 अहम प्रस्ताव: बहुजन अधिकार और सामाजिक न्याय केंद्र में
पार्टी के प्रदेश प्रभारी और जमुई से सांसद अरुण भारती ने इस बैठक में 5 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किए, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया। इन प्रस्तावों में मुख्य रूप से:
- बहुजन समाज पर बढ़ते अपराधों पर चिंता और प्रतिकार की तैयारी।
- जनकल्याण योजनाओं में बहुजनों की वंचना को दूर करने के लिए आंदोलन।
- महादलित छात्रों की छात्रवृत्ति में कटौती, देरी और भेदभाव का विरोध।
- 243 विधानसभा सीटों पर व्यापक संगठनात्मक तैयारी और चुनावी सक्रियता।
- महादलित समुदाय को राजनीतिक मुख्यधारा में लाने का संकल्प।
चिराग पासवान की भूमिका: ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की नई व्याख्या
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाल में यह स्पष्ट किया है कि वे बिहार से चुनाव लड़ेंगे, हालांकि अभी सीट का फैसला नहीं हुआ है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, चिराग किसी सामान्य सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिससे वे केवल दलित नेता नहीं बल्कि समूचे बहुजन वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में खुद को स्थापित कर सकें। उनकी रणनीति साफ है—बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को वोटरों के दिल में जगह दिलाना और एलजेपीआर को सिर्फ लोकसभा की पार्टी से विधान सभा में भी ताकतवर बनाना।