अब तक बिहार और उत्तर भारत के भक्तों को भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश तक हजारों किलोमीटर का सफर करना पड़ता था. मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण से करोड़ों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी. यहां आकर वे सीधे बालाजी के दर्शन कर पाएंगे. यह कदम धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई देगा और मोकामा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगा.मंदिर बनने के बाद मोकामा केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र बनेगा. यहां नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, आध्यात्मिक शिविर और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. इससे स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और मोकामा पूरे देश में धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर दर्ज होगा.
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मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण का फैसला केवल एक धार्मिक परियोजना नहीं है, बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक समृद्धि और आर्थिक विकास की दिशा में मील का पत्थर है. नीतीश सरकार की यह पहल आस्था, पर्यटन और रोजगार का संगम लेकर आ रही है. गंगा किनारे स्थित मोकामा आने वाले समय में केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि का केंद्र बनकर उभरेगा.






















