संसद में शपथ ग्रहण के बाद अब सेंगोल (Sengol) पर बहस छिड़ गई है। पक्ष-विपक्ष के बीच सेंगोल पर सियासत गर्म हो चुकी है। विपक्षी दलों ने संसद भवन में स्पीकर के आसन के पास स्थापित सेंगोल को हटाने की मांग शुरू कर दी है। समजवादी पार्टी (SP) ने सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताते हुए उसे हटाकर उसकी जगह संविधान स्थापित करने की मांग की है।
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद आरके चौधरी ने कहा है कि संविधान महत्वपूर्ण है, लोकतंत्र का प्रतीक है। अपने पिछले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने संसद में ‘सेंगोल’ स्थापित किया। ‘सेंगोल’ का अर्थ है ‘राज-दंड’, इसका अर्थ ‘राजा का डंडा’ भी होता है। रियासती व्यवस्था को खत्म करके देश आजाद हुआ। देश ‘राजा के डंडे’ से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए संसद से सेंगोल को हटाया जाए।
सपा को मिला आरजेडी, कांग्रेस और शिवसेना का समर्थन
सपा नेता के बयान पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि संविधान अहम है, हम इंडिया ब्लॉक में इस पर चर्चा करेंगे। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सेंगोल मुद्दे पर समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा कि बीजेपी ने अपनी मर्जी से सेंगोल लगा दिया। सपा की मांग गलत नहीं है। सदन तो सबको साथ लेकर चलती है लेकिन बीजेपी सिर्फ मनमानी करती है।
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सेंगोल मुद्दे पर आरजेडी लीडर मीसा भारती ने कहा कि सेंगोल को हटाना चाहिए, ये लोकतंत्र में है, राजतंत्र में नहीं। सेंगोल को म्यूजियम में लगाना चाहिए। यह राजतंत्र का प्रतीक है, सेंगोल इसलिए हटाना चाहिए. सेनगोल पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि उनके (प्रधानमंत्री के) पास राजाओं का आचरण है- आभूषण, पोशाक, मंगलसूत्र, मुजरा। संविधान की प्रतिकृति लगाना बेहतर है. यह देश चलाएगा।
क्या बोला सत्ता पक्ष
आरके चौधरी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री और एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि इनकी जनता ने इनको काम करने के लिए चुना है और यहां संसद में आकर ये लोग सिर्फ विवाद पैदा करते हैं। ये लोग सकारात्मक राजनीति कर सकते हैं। ये लोग सिर्फ बंटवारे की राजनीति करते हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पीएम मोदी ने जो किया है सही किया है। इसे (सेंगोल) संसद में रहना चाहिए।
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केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि ये लोग यही सब काम करते हैं। ये देश का सर्वोच सदन है। ये लोग सुर्खियों में आने के लिए सस्ती बातें करते हैं। संविधान को हम सभी मानते हैं, अकेले समाजवादी पार्टी ने संविधान का ठेका नहीं लिया है। बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि जीते हैं ये लोग अच्छी बात है लेकिन इनकी मति भ्रमित हो गई है। ये लोग अपने सांसद की तुलना भी भगवान राम से करने लगे हैं, इनके पतन की शुरूआत हो गई है।