CHATRA : एसडीजेएम कोर्ट ने सदर थाना कांड संख्या 85/2013 के आरोपी पंकज प्रजापति को जेल भेज दिया। पंकज प्रजापति के खिलाफ 7-आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। बता दें कि पंकज प्रजापति झारखंड मुक्ति मोर्चा के चतरा जिला अध्यक्ष है। वह पिछले दस साल से पुलिस की पकड़ से बाहर थे। जबकि वीआईपी प्रोग्राम में झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष पंकज प्रजापति खुलेआम देखे जाते थे। नवंबर 2022 को आईओ हिमांशु शेखर ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
कालाबाजारी का लगा था आरोप
एसडीजेएम कोर्ट ने अनाज कालाबाजारी के आरोप में पंकज प्रजापति के आत्मसमर्पण और जमानत याचिका को खारिज कर जेल भेज दिया। उनके विरुद्ध सदर थाना में कांड संख्या 85/2013 के तहत 7-आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत बीपीएल एवं अंत्योदय योजना के खाद्यान्न की कालाबाजारी करने का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में झामुमो के जिला अध्यक्ष ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जहां उनकी अर्जी खारिज कर दी गयी। इसके बाद उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय, रांची में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। यहां भी उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। इस दौरान उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया। इसके बाद भी कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर उनके घर की तलाशी का वारंट जारी किया गया। आखिरकार 10 साल बाद पंकज प्रजापति एसडीजेएम कोर्ट में उपस्थित हुए और जमानत याचिका दायर की। जिसे कोर्ट ने खारिज कर जेल भेज दिया।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि 14.05.2013 को तत्कालीन प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, बीडीओ एवं सदर थाना प्रभारी ने संयुक्त रूप से शहर के मारवाड़ी मुहल्ला स्थित पीडीएस दुकान में छापेमारी की थी। इस दौरान छापेमारी टीम ने 407 ट्रक में रखे 27 बोरा चावल, बारांडा में रखा 25 बोरा चावल, कमरे में रखा 49 बोरा चावल, 60 लीटर केरोसिन बरामद किया था। इसके अलावा 53 खाली जूट बोरे, 50 खाली प्लास्टिक बोरे आदि भी बरामद किये गये थे। यह चावल बीपीएल और अंत्योदय योजना के लाभुकों के बीच बांटा जाना था। पंकज प्रजापति पर इसे कालाबाजारी के लिए 407 ट्रक में लोड करने का आरोप है। इस मामले में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने सदर थाने में पंकज प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।