बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे को लेकर खेल शुरू हो गया है। सीट शेयरिंग से पहले महागठबंधन में शामिल भाकपा माले (CPIML) ने बिहार की 45 सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है। 12 जून को पटना में महागठबंधन की को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक होने वाली है, इससे पहले भाकपा माले ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ा दी है।
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भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बताया कि उनकी पार्टी 11 से 14 जून तक बिहार के बाराचट्टी, वारसलीगंज, राजगीर और बिहारशरीफ में सभाएं आयोजित करेगी। इसके साथ ही 12 से 27 जून तक बदलो सरकार, बदलो बिहार के नाम से चार यात्राएं निकाली जाएंगी। बिहार के चार प्रमंडलों शाहाबाद, मगध, चंपारण और तिरहुत में ये यात्राएं होंगी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी उनकी पार्टी कर रही है। बिहार की 40 से 45 सीटों पर भाकपा माले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि 12 जून को होने वाली को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में बिहार चुनाव के मुद्दों पर चर्चा होगी और भाकपा माले अपनी बातों को कमेटी के समक्ष मजबूती के साथ रखेगी।
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दरअसल, बिहार में इस साल के अक्टूबर-नवंबर महीने में विधानसभा का चुनाव होना है। एक तरफ जहां एनडीए में सीटों के बंटवारे से पहले लोजपा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा जैसे छोटे दल अपनी ताकत एनडीए को दिखा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन में भी अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। 12 जून को होने वाली महागठबंधन की को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक से पहले भाकपा माले ने 45 सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है।