पटना: इन दिनों बिहार में डेंगू का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा। पिछले चौबीस घंटे में पांच नये मामले सामने आयें हैं। बता दें मंगलवार को मिले इन पांचो मरीजों में से एक बांकीपुर से है, एक अजीमाबाद से, वहीँ एक पाटलिपुत्र से है मिले जबकि दो जिले के ग्रामीण इलाके बाढ़ और फतुहा से मिले है। इन नये मरीजो को मिलकर पटना में डेंगू के मरीजों कि कुल संख्या 56 हो गयी है। वहीँ बात करे बिहार की तो जनवरी 2024 से 28 जुलाई 2024 तक बिहार में डेंगू के 265 पॉजिटिव केस पाए गए हैं। वहीँ पटना में डेंगू के अब तक 84 मामले मिल चुके हैं। फिलहाल मरीजों कि संख्या 56 हैं। वहीँ गया में डेंगू पीड़ितों कि संख्या 26 है, इधर मुजफ्फरपुर में 18, सिवान में 11 और मधुबनी में 10 डेंगू के पॉजिटिव केस पाए गए हैं। अरवल एकमात्र जिला है जहां डेंगू का एक भी केस इस अवधि में नहीं मिला है।
स्वच्छता ही विकल्प है: डॉ अशोक कुमार
राज्य में डेंगू के इस बढ़ते संक्रमण पर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम डॉ अशोक कुमार ने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता का विशेष पालन करें। अपने आसपास पानी जमा न होने दें। डेंगू से बचाव का सबसे सशक्त माध्यम सही जानकारी एवं अपने दैनिक व्यवहार में स्वच्छता का पालन करना है। इस विषय डॉ कुमार ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पानी जमे जगहों पर नियमित छिड़काव किया जा रहा है। आशा कार्यकर्ताओं को पानी वाली जगहों पर लार्वा की पहचान कर निरोधात्मक कार्यवाही करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। राज्य में डेंगू से निपटने के लिए उचित कदम उठाया जा रहा फिर भी लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने कि जरूरत है।
सरकारी व्यवस्था है दुरुस्त पर, सतर्कता जरुरी
डॉ कुमार ने कुछ जरुरी सलाह को साझा करते हुए कहा कि जनता स्वयं सतर्क रहकर एवं जरूरी सुरक्षा अपनाकर डेंगू से सुरक्षित रह सकती है। डेंगू कि गंभीरता को देखते हुए सरकारी चिकित्सीय संस्थानों में डेंगू के मरीज के लिए बेड रिज़र्व किये गए हैं। वहीँ डॉ। कुमार ने कहा कि बरसात के 10 सप्ताह तक सप्ताह में एक बार 10 मिनट तक घर की सफाई कर लेने से घर में डेंगू के मच्छर के प्रकोप को खत्म किया जा सकता है। आगे उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी को घर में रखे चीजों जैसे कूलर, गमले, टूटे फूटे समान में पानी जमा होने से रोकने जरूरत है। बता दे डेंगू के मच्छर साफ़ पानी में ही पनपते हैं। इसलिए स्वयं कि सतर्कता उपचार से कहीं बेहतर विकल्प है।
सीवान में भी डेंगू के मिले मरीज
जानकारी मिल रही है कि सीवान के निवासी को भी डेंगू कि पुष्टि हुई है। बता दें गोरेयाकोठी थाने के छितौली गांव का 18 वर्षीय युवक डेंगू से संक्रमित मिला है। संक्रमित युवक का नाम आरिफ आलम है और वह राज्य के बाहर बंगलुरू से ही अपने गांव संक्रमित होकर लौटा था। आरिफ की हालत गंभीर होने पर उसे डॉक्टरों ने पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया था। सुचना है कि पटना पीएमसीएच में 5 जुलाई को हुई जांच में वह डेंगू संक्रमित पाया गया। वहीँ स्वास्थ्य विभाग की टीम डेंगू मरीज के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रही है।
डेंगू बुखार के लक्षण
बताते चले कि डेंगू बुखार के कुछ लक्षण है इसे पहचान कर मरीज समय रहते चिकित्सीय परामर्श ले सकते है। बता दें डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के चार से छह दिन बाद शुरू होते हैं और 10 दिनों तक रहते हैं, इन लक्षणों में
अचानक तेज बुखार (105 डिग्री)
गंभीर सिरदर्द
आँखों के पीछे दर्द
गंभीर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
थकान
जी मिचलाना
उल्टी आना
दस्त होना
त्वचा पर लाल चकत्ते, जो बुखार आने के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं
हल्का रक्तस्राव (जैसे नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना, या आसान चोट लगना)
इन लक्षणों को पहचान कर कोई भी रोगी समय रहते अपना उपचार करा सकता है ध्यान रहे डेंगू एक जानलेवा रोग है जो मच्चारो से फैलता है अथ अपने घर के आस पास बारिश का पानी न जमने दें साफ सफाई करते रहे और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।