बिहार में मतदाता पुनरीक्षण के बाद से ही हर रोज नए-नए विवाद सामने आ रहे हैं। विपक्ष की तरफ से लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं तो वहीं सत्ता पक्ष के नेता चुनाव आयोग का बचाव करते नज़र आ रहे हैं। दो वोटर आईडी कार्ड को लेकर तेजस्वी यादव पहले ही घिर चुके हैं। इस बार निशाने पर हैं बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा। बिहार कांग्रेस ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए उनपर निशाना साधा है।
334 राजनीतिक पार्टियों को झटका.. चुनाव आयोग ने लिया बड़ा एक्शन, रजिस्ट्रेशन रद्द किया
कांग्रेस का आरोप है कि विजय सिन्हा के पास दो अलग-अलग EPIC नंबर हैं और वे दो विधानसभा क्षेत्रों, लखीसराय और बांकीपुर (पटना) के मतदाता सूची में शामिल हैं। कांग्रेस ने इसे “सबसे बड़ा फ्रॉड” करार देते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि आयोग के नियम क्या सिर्फ दलित, पिछड़े, गरीब और मजदूरों के लिए हैं, बीजेपी नेताओं के लिए नहीं?
क्या है कांग्रेस के आरोप?
कांग्रेस के मुताबिक, विजय सिन्हा ने दोनों क्षेत्रों में SIR फॉर्म भरा है। दोनों जगह ड्राफ्ट मतदाता सूची में उनका नाम आ चुका है। और यह नियमों के खिलाफ है और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है। कांग्रेस ने अपनी पोस्ट में कई तीखे सवाल रखे हैं। जैसे कि ‘क्या विजय सिन्हा पिछले चुनावों में दोनों जगह वोट दे रहे थे?’, ‘क्या चुनाव आयोग ने उन्हें दो मताधिकार दिए?’, ‘नियम तोड़कर दो जगह से SIR फॉर्म क्यों भरा गया?’, ‘आयोग ने दोनों जगह से नाम कैसे ड्राफ्ट में डाल दिए?’ और ‘कब होगी इस “फ्रॉड” पर FIR और कब देंगे इस्तीफा?’
राजनीतिक हमला और पृष्ठभूमि
कांग्रेस ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर “गठजोड़” का आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे देश में भाजपाइयों को “दोहरी–तिहरी नागरिकता” दी जा रही है। पोस्ट में दावा किया गया कि कहीं एक पते पर 80 वोट डल रहे हैं, तो कहीं एक व्यक्ति 4 बार वोट दे रहा है। कांग्रेस ने कहा, “चुनाव आयोग और भाजपाई- चोर-चोर मौसेरे भाई.” इससे पहले भी बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर दो EPIC नंबर के मामले में चुनाव आयोग ने कार्रवाई की थी। अब कांग्रेस का दावा है कि वही गलती इस बार राज्य के उपमुख्यमंत्री के मामले में सामने आई है, जिससे बिहार की सियासत में नया बवाल खड़ा हो गया है।






















