दिल्ली/कोलकाता: आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्तियों में दिल्ली से पवन कुमार धुत और कोलकाता से उत्तम कुमार डागा शामिल हैं।
गिरफ्तारियों के बाद कोर्ट ने भेजा जेल
ईडी ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दोनों आरोपी, पुष्पराज बजाज के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। पुष्पराज, संजीव हंस के लिए काम करता था और उसे ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
अवैध लेनदेन के पक्के सबूत मिले
- पवन कुमार धुत: वह एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का मालिक है। ईडी को छापेमारी के दौरान पवन के खातों से 60 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के सबूत मिले।
- उत्तम कुमार डागा: माइनिंग और इंजीनियरिंग कंपनी चलाने वाला उत्तम कुमार के खातों से 12 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के प्रमाण मिले हैं।
अवैध कमाई को खपाने का आरोप
जांच एजेंसी के अनुसार, दोनों आरोपियों ने संजीव हंस की अवैध कमाई को छुपाने और खपाने में भूमिका निभाई। इनका नाम पुष्पराज बजाज से पूछताछ के दौरान सामने आया था। पुष्पराज ने जांच एजेंसी को इस पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी दी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई हुई।
ईडी के पास पुख्ता सबूत
ईडी की टीम को छापेमारी के दौरान लेनदेन के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों के जरिए यह पुष्टि हुई कि पवन और उत्तम ने बड़ी रकम को विभिन्न खातों और कंपनियों के माध्यम से घुमाया। साथ ही, जांच में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की भी भूमिका का खुलासा हुआ है, जो उत्तम के साथ काम कर रहा था।
पुष्पराज बजाज पहले ही गिरफ्त में
इस पूरे मामले में पुष्पराज बजाज की गिरफ्तारी के बाद जांच में तेजी आई। ईडी ने पुष्पराज के बयान और दस्तावेजों के आधार पर पवन और उत्तम के खिलाफ कार्रवाई की।