राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) संसद ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सरकार के विकास कार्यों की चर्चा के साथ ही नीट पेपर लीक प्रकरण, नागरिकता कानून और इमरजेंसी जैसे मुद्दों पर भी बात की। इसके पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सदन में राष्ट्रगान के बाद अभिभाषण की शुरुआत हुई। उन्होंने सबसे पहले दूसरी मर्तबा लोकसभा का स्पीकर बनने पर ओम बिरला को बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार है। मुर्मू ने कहा कि देशवासियों की ओर से इसका आभार।

भारत 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था
उन्होंने कहा कि हमें विकसित भारत के संकल्प पर भरोसा है। मेरी जीते हुए सांसदों को बधाई। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि वैश्विक महामारी के बाद भी और दुनिया के अलग-अलग देशों में चल रही मुश्किलों के बाद भारत ने ये विकास हासिल किया है। आज भारत अकेले ही दुनिया की अर्थव्यवस्था में 15 फीसदी का योगदान कर रही है। आज मेरी सरकार भारत को दुनिया को तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने में जुटी है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि ये जनादेश देश को विकसित बनाने के लिए मिला है। उन्होंने कहा कि राज्यों का विकास देश का विकास है और मेरी सरकार इसी भावना के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था। 10 साल में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से उठकर 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचा है।
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25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार के शुरुआत के दिन से ही किसानों को 20 हजार करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जा चुकी है। आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है। हम किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नीतियां बना रहे हैं। जैसे भारत दलहन और तिहलन में दूसरे देशों की निर्भरता खत्म करने के लिए बड़ी कोशिश कर रही है। पिछले 10 सालों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। इसमें एससी-एसटी हर क्षेत्र के लोग शामिल हैं। विशेषकर आदिवासी समाज में ये बदलाव और भी समझ में आ रहा है। 20 हजार करोड़ रुपये की योजना अति पिछड़े जानजातीय समूह के माध्यम बन रही है।
पेपर लीक का भी जिक्र
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में पेपर लीक का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकारी भर्ती हो या परीक्षाएं, सुनिए-सुनिए.. परीक्षाएं किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए ये उचित नहीं है। इनमें शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है। हाल ही में कुछ परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है।
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इमरजेंसी को किया याद
राष्ट्रपति ने भी ओम बिरला के बाद इमरजेंसी को याद करते हुई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर अनेक बार हमले हुए। आज 27 जून है। 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था। लेकिन ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने विजय प्राप्त करके दिखाया। क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है। जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं।