सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ आज चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। सुबह व्रतियों तथा श्रद्धालुओं ने शहर के विभिन्न छठ घाटों पर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। इससे पहले गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया था।
श्रद्धालु प्रात:काल से ही छठ घाट की ओर डाला के साथ रवाना हो गए। सूर्य की लालिमा देखते ही व्रती एवं श्रद्धालुओं के चेहरे पर प्रसन्नता झलकने लगी। इससे पूर्व व्रती तथा श्रद्धालु ने घंटों भगवान सूर्य के उगने का इंतजार जल में खड़े होकर किया। अर्घ्य देने के साथ ही खूब आतिशबाजी भी की गई। शहर में चारों ओर छठ मैया के गीतों की धुन सुनाई देती रही। नदी घाटों के अलावा पोखरों, तालाबों और घर की छतों पर कृत्रिम तालाब बनाकर भी अर्घ्य दिया।



इस दौरान व्रतियों ने पुरूषों को टीका लगाया तथा महिलाओं की मांग में सिंदूर दिया तथा उनके सुहाग की दीघार्यु होने की प्रार्थना की। अर्घ्य देने के बाद लोगों में प्रसाद प्राप्त करने की होड़ लग गई। लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। व्रती से आशीष लिया। छठ पूजा को लेकर शहर में प्रशासन द्वारा पुख्ता व्यवस्था की गई थी। प्रमुख स्थलों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी।