आज बिहार विधानसभा में माले के नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। माले नेताओं ने हांथों में पोस्टर और प्लैकार्ड दिखाते हुए माले विधायक मनोज मंजिल को हाल में सुनाई गयी आजीवन कारावास की सजा के विरोध में हंगामा किया। भाजपा को घेरते हुए,”जनसंघारियों को खुली छूट और आन्दोलनकारियों को सजा ,भाजपा जवाब दो!”का नारा लगते हुए माले विधायकों ने अपना विरोध प्रकट किया।
मीडिया बातचीत में माले के एक नेता ने कहा कि जो मनोज मंजिल गरीबों की लड़ाई लड़ रहे थे, रोजगार के लिए आवाज़ उठा रहे थे, उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी गयी है। जबकि ह’त्या किसने की, ह’त्या कहा हुई, कोई नहीं जानता। इसके कोई सबूत नहीं है। फिर भी उन्हें कड़ी सजा सुनाई गयी। वहीँ पूर्व आईएएस कृष्णैया ह’त्या मामले में कानून को तोड़ मरोड़कर पूर्व सांसद को बरी कर दिया गया। उधर राम रहीम पेरोल पर बार बार छूट रहे हैं। उन्होंने आरोप लगे कि दुर्भावना से प्रेरित सरकार इस तरह के एकतरफा निर्णय ले रही है। माले विधायक से ये पूछने पर कि ‘क्या न्यायलय भी पक्षपाती है ? ‘, जिसपर उन्होंने जवाब दिया कि हम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं। हम न्यायलय पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगा रहे, बल्कि वर्तमान सरकार पर ये इलज़ाम लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सत्र न्यायलय के इस निर्णय के खिलाफ्र अब हम सुप्रीम कोर्ट की शरण लेंगे।
बताते चलें कि माले विधायक मनोज मंजिल पर ह’त्या का आरोप न्यायालय में सिद्ध हो जाने पर उनके खिलाफ न्यायालय ने सजा सुनाते हुए आजीवन कारावास का दंड दिया है। इस फैसले के बाद एक माले नेता ने विधानसभा में इस विरोध से पहले अपना विरोध भी जताया था।