रांची: करीब देढ़ साल से जेल में बंद टेंडर कमीशन घोटाला मामले में आरोपी पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की डिस्चार्ज पिटीशन पर पीएमएलए की विशेष कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। दोनों पक्षें की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। बता दें इस मामले में आरोपियों पर आरोप गठित होना है। इससे पहले इस मामले के आरोपियों के द्वारा खुद पर लगे आरोप को मुक्त कराने के लिए अदालत में डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल किया गया है। इस मामले में निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम और उनके परिजन समेत कई सहयोगियों की डिस्चार्ज पिटीशन खारिज हो चुकी है। 15 मई को ईडी ने आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वो जेल में बंद है।
उनपर सरकारी टेंडर आवंटन में कमिशन लेने का आरोप है। मालूम हो कि टेंडर कमीशन घोटाला मामले को लेकर ईडी ने सबसे पहले 21 फरवरी 2023 को बड़ी कार्रवाई की थी। निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के रांची जमशेदपुर पटना और दिल्ली समेत कई ठिकाने पर छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद वीरेंद्र राम समेत को ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी की दूसरी बड़ी कार्रवाई 6 और 7 मई 2024 को हुई थी। इसमें कई इंजीनियर, कांट्रेक्टर ठेकेदार और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के OSD के ठिकाने पर ईडी ने छापेमारी की थी। आलमगीर आलम OSD संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से 32 करोड़ कैश बरामद हुए थे। जिसके बाद जांच की आंच पूर्व मंत्री आलमगीर आलम तक जा पहुंचा था। दो दिनों की पूछताछ के बाद ईडी ने 15 मई को गिरफ्तार कर लिया था।