रांची: एक बार फिर बाबूलाल मरांडी ने मईयां सम्मान योजना को लेकर हेमंत सरकार की किरकिरी की है। मरांडी ने अपने ट्वीटर एकाउंट से ट्वीट कर कहा कि पिछले 5 सालों में जब आदिवासी महिलाएं न्याय की गुहार लगाती रहीं, अपने सम्मान और सुरक्षा के लिए हेमंत सोरेन से उम्मीद लगाती रहीं, तब हेमंत सोरेन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान उनके लिए कोई मायने नहीं रखता था। और आज, जब चुनाव की आहट हो रही है, तो अपनी ‘मंईया सम्मान योजना’ का झुनझुना लेकर वे महिलाओं को एक बार फिर मूर्ख बनाने निकले हैं। झारखंड की महिलाओं की दयनीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
चाहे अवैध घुसपैठ कर आदिवासी महिलाओं की ज़मीनें छीनने का मामला हो, या बिचौलियों और दलालों के जरिए महिलाओं के हक का पैसा लूटना-हर कदम पर हेमंत सोरेन ने महिलाओं के साथ विश्वासघात किया है। केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के आवास और चूल्हे के लिए भेजे गए पैसों को बिचौलियों में बांट दिया गया और सोरेन सरकार मूकदर्शक बनकर देखती रही। आज हेमंत सोरेन को यह गलतफहमी है कि चुनाव से ठीक पहले महिलाओं को कुछ पैसों का लालच देकर वे उनकी पीड़ा, उनका आत्मसम्मान और पिछले 5 साल के धोखे को भुला देंगे। लेकिन, वे यह जान लें कि झारखंड की माताएं, बहनें और बेटियां उनकी हर साजिश का जवाब देंगी। ‘मैया सम्मान योजना’ के नाम पर आखिरी समय में महिलाओं को कुछ पैसों का चेक थमाकर, हेमंत सोरेन ने यह साबित कर दिया है कि उनके लिए महिलाओं का सम्मान, सुरक्षा और भविष्य सिर्फ एक चुनावी खेल है। हेमंत सोरेन को यह समझ लेना चाहिए कि राज्य की महिलाएं अब जाग चुकी हैं। वे उन पर किए गए हर अत्याचार और अपमान का हिसाब लेने के लिए तैयार हैं। झारखंड की धरती की बेटियां उन्हें माफ नहीं करेंगी, जिन्होंने उनके साथ छल किया, उनकी जमीनों को छीना, और उनके सम्मान के साथ खिलवाड़ किया।