रांची: झारखंड में अंधविश्वास के कारण अब तक अनगिनत महिलाएं डायन हत्या के भेंट चढ़ चुकी हैं। आत की तारीख में भी महिलाओं के उपर ये अंधविश्वास का अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में राज्य में डायन बिसाही को लेकर हत्या एवं मारपीट की बढ़ती घटनाओं को लेकर कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई। मामले में कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया। हाई कोर्ट की खंडपीठ को बताया गया कि पहले महिला हेल्पलाइन नंबर 181 सिर्फ एक मोबाइल नेटवर्क से लगता था, अन्य मोबाइल नेटवर्क से लगाने से दूसरे राज्य में नंबर लग जाता था। इसे अब ठीक कर लिया गया है, महिला हेल्पलाइन नंबर 181 अब सभी मोबाइल नेटवर्क से काम कर रहा है। पीड़ित महिलाएं अपनी परेशानी या शिकायत हेल्पलाइन नंबर 181 पर सभी मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकती हैं। खंडपीठ को यह भी बताया गया कि गुमला में वर्ष 2021 में डायन बिसाही मामले में एक ही परिवार के 5 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। उस परिवार की एक बच्ची बच गई थी, उसके पुनर्वास के मद में अक्टूबर 2024 तक राशि का भुगतान सरकार की ओर से कर दिया गया है। पहले पीड़ित बच्ची को मुआवजा के रूप में प्रति माह 2000 रुपए दिए जा रहे थे अब यह राशि बढ़ाकर 4000 रूपये कर दी गई है। पीड़ित बच्ची अपने एक रिश्तेदार के साथ रह रही है। खंडपीठ ने राज्य सरकार का पक्ष जानने के बाद मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2025 में निर्धारित की। मामले में एमिकस क्यूरी सुचित्रा पांडे ने पैरवी की। वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता अशोक यादव ने पैरवी की।
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