बिहार में सीवान से पूर्व सांसद रहे बाहुबली शाहबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी हैं। सीवान में 25 मई को वोटिंग होनी है। हिना की लड़ाई जदयू की विजय लक्ष्मी कुशवाहा और राजद के अवध बिहारी चौधरी से है। शहाबुद्दीन को राजद का संस्थापक सदस्य बताने वाली हिना आखिर लोकसभा चुनाव में निर्दलीय क्यों खड़ी हुईं, यह सबसे बड़ा सवाल है। हिना ने इससे पहले भी दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा है लेकिन दोनों बार राजद के उम्मीदवार के रूप में ही वो लड़ीं। फिर इस बार राजद से अलग क्यों? क्या राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया और उन्होंने राजद से विद्रोह कर दिया? हिना ने इन सवालों का जवाब एक इंटरव्यू में दिया है।
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हिना ने इंटरव्यू में कहा कि निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला उन्होंने अपने लोगों की इच्छा पर लिया है। इसी कारण चुनाव की घोषणा से छह माह पहले ही यह निर्णय ले लिया गया था कि मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगी। हिना आगे कहती हैं कि उनके पति शहाबुद्दीन के लिए राजद का स्थान बहुत उपर था। लेकिन पार्टी ने शहाबुद्दीन को तवज्जो नहीं दी। हिना ने बताया कि शहाबुद्दीन की मौत के बाद पार्टी की ओर से एक श्रद्धांजलि सभा भी नहीं हुई और न ही पार्टी के नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे। ऐसे में पार्टी से चुनाव लड़ने का कोई औचित्य नहीं था।
मुझमें शहाबुद्दीन की छवि देखते हैं लोग : हिना शहाब
जदयू और राजद के उम्मीदवारों से लड़ाई के सवाल पर हिना कहती हैं कि “मोहम्मद शहाबुद्दीन मेरे पति थे और लोग मुझमें उनकी छवि देखते हैं। उन्होंने देखा है कि सीवान किस तरह फिसल गया है और उन्हें लगता है कि मैं इसे पटरी पर ला सकती हूं।” वहीं शहाबुद्दीन और सीएम नीतीश कुमार के रिश्तों के सवाल पर हिना कहती हैं कि “परिस्थितियों के मुख्यमंत्री का बयान मीडिया ने बढ़ा चढ़ा कर दिखाया और बताया। उस समय जो स्थिति थी, उसी के अनुरूप नीतीश कुमार को ताजपोशी करायी गयी, ऐसा ही साहेब ने कहा था। इसके बाद जब वह जेल गये तो फिर कभी वापस नहीं आए। 2004 का दौर सीवान के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में छलांग लगाने का समय था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।”