आगामी बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीतिक तैयारियों को गति दे दी है। रविवार को पटना के गांधी मैदान स्थित एक होटल में पार्टी विधायक दल की अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें सीटों के बंटवारे, संभावित उम्मीदवारों की समीक्षा और संगठनात्मक मजबूती को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने की। बैठक में प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, सह प्रभारी सुशील पासी, सांसद तारिक अनवर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और कई अन्य वरिष्ठ नेता एवं विधायक उपस्थित रहे।
चुनावी रणनीति का खाका तैयार
बैठक में पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि इस बार उम्मीदवारों का चयन सर्वे रिपोर्ट, जमीनी पकड़ और जनसंवाद अभियान से मिले फीडबैक के आधार पर ही किया जाएगा। पार्टी ने “विनिंग सीट्स” की पहचान करने के लिए गांव-गांव चौपाल और जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। इसके जरिए स्थानीय मुद्दों को समझने और जनता की नब्ज को पहचानने की कोशिश की जा रही है।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में इंडिया गठबंधन की बैठक में सभी घटक दलों से सीटों की दावेदारी वाली सूची और संख्या मांगी गई है, जिसे गठबंधन समन्वय समिति के चेयरमैन तेजस्वी यादव को सौंपा जाएगा। कांग्रेस इस प्रक्रिया में तेजी से जुटी हुई है और संभावित उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में व्यस्त है।
पिछले कार्यकाल का मूल्यांकन
बैठक में पार्टी विधायकों के पिछले साढ़े चार वर्षों के कार्यों की समीक्षा भी की गई। पार्टी का ध्यान उन चेहरों पर केंद्रित है, जो अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं और जिनका प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। वहीं, संगठनात्मक स्तर पर कमजोर क्षेत्रों में नए और ऊर्जावान चेहरों को मौका देने पर भी विचार किया जा रहा है।
अभियानों की समीक्षा और सोशल मीडिया रणनीति
हाल ही में चलाए गए ‘हर घर झंडा’ अभियान और ‘माई-बहिन योजना’ की समीक्षा करते हुए पार्टी ने इन्हें प्रभावी जनसंपर्क उपकरण करार दिया है। निर्णय लिया गया कि इन अभियानों को महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण वोटरों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया और फिजिकल नेटवर्किंग का भरपूर उपयोग किया जाएगा।