Team Insider: कोरोना(Corona) को लेकर सरकार(Government) भले ही लाख दावे कर ले पर जमीनी हकीकत यह है कि बिहार के मुजफ्फरपुर(Mujaffarpur) में रोजाना सैंकड़ों लोग बस द्वारा अन्य राज्यों से जिले में पहुंच रहे हैं । यहीं नहीं उनकी कोई जांच भी नहीं की जा रही है । सूत्रों के मुताबिक मुजफ्फरपुर के सदातपुर स्थित दिल्ली मोड़ जहां से दरभंगा और मधुबनी के लिये रास्ता अलग होता है । उस चौहरे पर औसतः हर घंटे छह में सात बसें अन्य प्रदेशों से आती है । इन बसों पर बिहार आने वाले पैसेंजर रहते हैं । वहां सभी यात्रियों ने बताया कि न तो रास्ते मे उनलोगों की कोरोना जांच की गयी हैं और न ही मुजफ्फरपुर पहुंचने पर कोरोना जांच हुई है । ऐसे में सवाल उठता है की बिहार सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कैसे रोक सकेंगी।
IAS केके पाठक को अब केंद्र में मिली जिम्मेदारी.. मंत्रिमंडल सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर नियुक्त
बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी केके पाठक को अब केंद्र में नई जिम्मेदारी मिली है। वर्ष 1990 बैच के भारतीय...