अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में मंगलवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने हिस्सा लिया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल रहे। यह बैठक सरदार पटेल मेमोरियल में आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य पार्टी की भविष्य की रणनीति और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना था। बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं ने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने, खासकर जिला स्तर पर कांग्रेस कमेटियों को सशक्त बनाने पर जोर दिया।
सूत्रों के अनुसार, इस दौरान सामाजिक और राजनीतिक प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई, जिसमें विवादास्पद वक्फ बिल का विरोध और इसे कानूनी रूप से चुनौती देने का फैसला लिया गया। इसके अलावा, 2027 में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। यह बैठक इसलिए भी खास रही क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में आयोजित की गई, जहां कांग्रेस लंबे समय से अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
बैठक के बाद कांग्रेस नेताओं ने साबरमती आश्रम का दौरा किया, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और भजन-कीर्तन सत्र में हिस्सा लिया। इस दौरान मशहूर कलाकार मल्लिका साराभाई के नेतृत्व में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें गुजराती लोक नृत्य जैसे डांडिया, रास और आदिवासी नृत्यों की प्रस्तुति दी गई। कांग्रेस इस दो दिवसीय सत्र को पार्टी के लिए एक “रीसेट मोमेंट” के रूप में देख रही है, जिसके तहत 9 अप्रैल को एक विस्तृत विचार-मंथन सत्र भी आयोजित किया जाएगा।
इस सत्र में चुनावी तैयारियों, इंडिया गठबंधन के साथ तालमेल और केंद्र सरकार के खिलाफ रणनीति को नए सिरे से तैयार करने पर ध्यान दिया जाएगा। ANI के मुताबिक, यह बैठक कांग्रेस के लिए न केवल संगठनात्मक बल्कि प्रतीकात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पार्टी को गुजरात में अपनी राजनीतिक जमीन वापस हासिल करने की दिशा में एक ठोस कदम के रूप में देखा जा रहा है।