2016 में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर बिहार की राजनीति का एक दिलचस्प और अनोखा दृश्य देखने को मिला था। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दही का तिलक लगाकर राजनीतिक रिश्तों में भाईचारे का संदेश दिया। यह आयोजन पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर आयोजित दही-चूड़ा भोज के दौरान हुआ था, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष अतिथि थे। उस वक्त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी, जिसके सीएम नीतीश कुमार थे। तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम और तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री थे।
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इस आयोजन में लालू प्रसाद यादव ने मिट्टी के बर्तन से दही निकालकर नीतीश कुमार के माथे पर बड़े प्यार से तिलक लगाया और मुस्कुराते हुए कहा कि “लो फिर हम तिलक लगा देते हैं।” इस पर नीतीश कुमार भी जोर से हंस पड़े। लालू यादव ने इस तिलक को विष्णु भगवान का तिलक बताते हुए कहा कि इससे भाजपा के ग्रह-गोचर का असर नीतीश कुमार पर नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बेहतर काम कर रही है और यह सरकार 20 साल तक चलेगी। यह और बात है कि अगले ही साल महागठबंधन की सरकार गिर गई। मुख्यमंत्री के पद पर तो नीतीश कुमार बने रहे लेकिन राजद सत्ता से बाहर हो गई।
राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा भोज में मिले थे लालू यादव व नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने भी इस अवसर पर लालू प्रसाद यादव को बड़ा भाई बताते हुए कहा कि “लालूजी मेरे बड़े भाई हैं। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप तिलक लगाया है।” जब पत्रकारों ने नीतीश कुमार से पूछा कि क्या यह तिलक 2019 के चुनाव की तैयारी का संकेत है, तो नीतीश कुमार ने इस सवाल पर चुप्पी साध ली। तब माना जा रहा था कि नीतीश कुमार खुद को लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में देख रहे और बिहार में तेजस्वी यादव की ताजपोशी हो सकती है। लेकिन 2019 का चुनाव जदयू ने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा और राजद कोई सीट जीत नहीं सकी।
कुछ ऐसा ही वाकया 2015 के विधानसभा चुनाव के समय हुआ था, जब लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के माथे पर हाथ रखते हुए कहा था कि उन्होंने उनका “राजतिलक” कर दिया है। इस प्रकार, लालू और नीतीश के बीच की राजनीतिक केमिस्ट्री इस भोज में भी नजर आई।
मकर संक्रांति भोज में राबड़ी देवी ने खुद नीतीश कुमार की थाली में तिलकुट और आलू-गोभी की सब्जी परोसी। लालू यादव ने उन्हें दही-चूड़ा परोसा। जब नीतीश कुमार ने चम्मच से खाना शुरू किया, तो लालू यादव ने हंसते हुए कहा, “चम्मच से नहीं खाइए, तिलकुट टूटेगा नहीं। हाथ से खाइए।” इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि मकर संक्रांति का त्योहार प्रेम, भाईचारा और सद्भाव का संदेश देता है।