लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक हलचल अप्रत्याशित तौर पर तेज हो रही हैं। कुछ हफ्ते पहले तक एक दूसरे के लिए ‘गोली’ खाने को तैयार दलों के अब दिल मिल ही नहीं रहे। भाजपा और एनडीए के खिलाफ खड़ा हुआ I.N.D.I.A. के बिखरने की आशंकाओं ने रफ्तार पकड़ ली है। इस बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे ने सरगर्मी और बढ़ा दी है। बुधवार को दिल्ली पहुंचे सीएम नीतीश ने पूर्व पीएम अटल बिहार वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। लेकिन उनके इसके बाद के शेड्यूल ने अलग ही माहौल बना दिया है। राजनीतिक मैदान को पूरी तरह पलटने में माहिर नीतीश की इस यात्रा को लेकर कयासबाजी चरम पर है।
पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल पहुंचे CM नीतीश, दी श्रद्धांजलि
रुठे केजरीवाल को मनाएंगे या अलग राह पर दौड़ेंगे?
वैसे तो नीतीश कुमार का यह दौरा इस बात को लेकर अधिक प्रचारित हो रहा है कि वे रुठे दिल्ली के सीएम व AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को मनाएंगे। क्योंकि खबर यह है कि दिल्ली और पंजाब के उत्साही कांग्रेस नेताओं के बयानों से छलनी हो चुके अरविंद केजरीवाल का I.N.D.I.A. से मोहभंग होने की अफवाहों ने जोर पकड़ लिया है। गठबंधन में आने के लिए केजरीवाल को नीतीश कुमार ने ही मनाया था। तो कयास यह लगाया जा रहा है कि इस बार भी उनके रुठने पर नीतीश कुमार को ही उन्हें मनाने की कमान दी गई है। लेकिन दूसरी चर्चा यह है कि नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा केजरीवाल को I.N.D.I.A. के लिए मनाने से ज्यादा कुछ और है।
मुंबई बैठक से पहले रणनीति होगी तय?
दरअसल, I.N.D.I.A. की अगली बैठक मुंबई में प्रस्तावित है। पटना की बैठक में शान-शौकत दिखाते हुए आए महाराष्ट्र की राजनीति के तथाकथित ‘चाणक्य’ शरद पवार, बेंगलुरु की बैठक के पहले लुट चुके थे। लेकिन जब बातें उनके पाला बदलने की हुई तो उन्होंने सामने से आकर I.N.D.I.A. की बैठक के सफल होने की कामना की। यह बैठक सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय हो सकता है। साथ ही कन्वीनर का नाम तय हो या न हो, कम से कम कोऑर्डिनेशन कमेटी के 11 सदस्यों के नाम तो तय होने की पूरी संभावना है। नीतीश कुमार कन्वीनर बनने की इच्छा रखते हैं, यह बात मीडिया में हर तरफ चर्चा में है। इसलिए संभावना यह बताई जा रही है कि लालू यादव को पहले ही अपने पाले में कर चुके नीतीश कुमार की कोशिश अरविंद केजरीवाल को भी अपने पाले में या समर्थन में करने की होगी।
केजरीवाल समर्थन में आए तो कांग्रेस की मुश्किल बढ़ेगी?
भले ही विपक्षी एकता का स्वरूप तैयार करने में नीतीश कुमार अगुवा थे। लेकिन पहली बैठक के बाद दूसरी बैठक में I.N.D.I.A. का स्वरूप तैयार होते होते कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर आ गई। लेकिन नीतीश कुमार अगर संयुक्त एकता का नेतृत्व करने की इच्छा रखते हैं, तो कांग्रेस के लिए नई मुश्किल इंतजार कर रही है। इसका कारण यह है कि लालू यादव तो हर हाल में नीतीश कुमार का समर्थन करने की बात करते रहे हैं। अरविंद केजरीवाल भी अगर खूंटा ठोक कर नीतीश कुमार के समर्थन में आ गए या उन्हें I.N.D.I.A. का कन्वीनर बनाने की शर्त रख देंगे तो कांग्रेस के लिए मना कर पाना मुश्किल होगा। क्योंकि लालू, नीतीश और केजरीवाल मिलकर कांग्रेस के विरोध में आ गए तो तीन राज्यों की 60 सीटों पर कांग्रेस की हालत पतली हो सकती है।
सबकुछ ठीक रहा तो मिलेंगे नीतीश-राहुल!
वैसे नीतीश कुमार अलग खेलेंगे यह अभी सिर्फ कयासबाजी है। ऐसे में अगर नीतीश कुमार का मकसद सिर्फ अरविंद केजरीवाल को मनाना है, तो नीतीश-राहुल की दिल्ली में मुलाकात 17 अगस्त को हो सकती है। सबकुछ ठीक रहा तो यह संभव है कि नीतीश कुमार और राहुल गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली में मिलें। चूंकि नीतीश कुमार का यह दिल्ली दौरा दो दिनों का है, इसलिए इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन दिल्ली जाकर भी नीतीश कुमार अगर सिर्फ केजरीवाल से मिलकर पटना लौट आते हैं तो कयासबाजी की नई फेहरिस्त का आना भी तय है।