रायबरेली : एक चौंकाने वाली घटना में, रायबरेली की एक 21 वर्षीय युवती ने परिवार के विवाह के दबाव से तंग आकर इंस्टाग्राम पर आत्महत्या की चेतावनी देते हुए एक पोस्ट की, जिसमें उसने लिखा, “अलविदा… सॉरी मम्मी-पापा।” इस पोस्ट ने मेटा के कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित अलर्ट सिस्टम को सक्रिय कर दिया, जिसके तहत यूपी पुलिस को मात्र 8 मिनट के भीतर सूचना मिली और युवती की जान बचाई गई।
मेटा की यह उन्नत प्रणाली सोशल मीडिया पर भावनात्मक संकट के संकेतों, जैसे “अलविदा” जैसे शब्दों या तस्वीरों, की निगरानी करती है। 16 जून की रात 7:42 बजे पोस्ट किए गए इस संदेश के बाद मेटा ने तुरंत यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर, लखनऊ को अलर्ट भेजा। पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुए युवती को समय रहते बचा लिया। अधिकारियों के अनुसार, 1 जनवरी 2023 से 16 जून 2025 तक इस सहयोग से राज्य भर में 1,024 लोगों की जान बचाई जा चुकी है।
जर्नल ऑफ मेडिकल इंटरनेट रिसर्च (2023) की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI-आधारित निगरानी और त्वरित पुलिस प्रतिक्रिया से आत्महत्या के जोखिम को 30% तक कम किया जा सकता है। मेटा का यह सिस्टम जटिल एल्गोरिदम का उपयोग कर भावनात्मक दर्द या आत्महत्या के इरादों को पहचानता है, जिससे यह एक प्रभावी शुरुआती चेतावनी तंत्र बन गया है। इससे न केवल जानें बच रही हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है।
पहले सोशल मीडिया की निगरानी अफवाहों पर नियंत्रण के लिए की जाती थी। लेकिन अब यूपी पुलिस इसका उपयोग मानसिक स्वास्थ्य संकटों से निपटने में कर रही है। यह बदलाव सोशल मीडिया को केवल गलत सूचनाओं के स्रोत के रूप में देखने की पुरानी धारणा को चुनौती देता है।
इस घटना ने मेटा और यूपी पुलिस के बीच नवाचार को रेखांकित किया है, जो मानसिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल पेश कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कदमों से न केवल जीवन बचेंगे, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा कलंक भी कम होगा।