जन अधिकार युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर नालंदा के बिहारशरीफ़ में पटेल सेना द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल के कार्य की सराहना की वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने नरेंद्र मोदी पर भारत में नफरत और विभेद की घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने सरदार पटेल के सपनों जैसा भारत निर्माण का संकल्प भी लिया।
राजू दानवीर ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल जी से पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने की प्रेरणा मिलती है। वे प्रचंड-प्रखर राष्ट्रभक्त, ‘अखंड भारत’ के युगद्रष्टा थे, जिन्होंने आजादी से पूर्व और आजादी के बाद देश के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया। सरदार वल्लभभाई पटेल प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे। सरदार पटेल भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। स्वाधीनता संग्राम के दौरान ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के नेताओं में से एक सरदार पटेल सन 1947 में भारत की आजादी के बाद पहले तीन वर्ष उप प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री ,सूचना मंत्री और राज्य मंत्री रहे थे।
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“सरदार पटेल हमारे लिए प्रेरणाश्रोत”
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद करीब पाँच सौ से भी ज्यादा देशी रियासतों का एकीकरण एक सबसे बड़ी समस्या थी। जिसे सरदार पटेल ने अपने कुशल कूटनीति और सैन्य हस्तक्षेप के जरिएअधिकांश रियासतों को तिरंगे के तले लाने में सफलता प्राप्त की। चूंकि भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसलिए उन्हें भारत का लौह पुरूष कहा गया या भारत का बिस्मार्क की उपाधि से सम्मानित किया गया। 15 दिसंबर 1950 को उनकी मृत्यु हो गई और यह लौह पुरूष दुनिया को अलविदा कह गए। उनके मरणोपरांत के बाद 1991 में उन्हें ‘भारत रत्न’ भी दिया गया है। वो आज भी हमारे लिए प्रेरणाश्रोत हैं और देश की एकता बनाए रखने के लिए भी प्रेरित करता है।
“जम्मू कश्मीर से लेकर मणिपुर तक आंतरिक कलह जारी है”
वहीं दानवीर राजू ने सरदार पटेल को आदर्श मानते हुए मोदी पर हमलावर हुए। उन्होनें नरेंद्र मोदी पर हमलावर होते हुए कहा कि आज देश की मोदी सरकार ने उनके नाम का इस्तेमाल कर अपना उल्लू सीधा करने का काम किया है।इसके लिए बड़ी शिद्दत से राज्यों के संघ को देश में समाहित करने वाले पटेल के भारत में नफरत और विभेद की घिनौनी राजनीति की जा रही है। जम्मू कश्मीर से लेकर मणिपुर तक आंतरिक कलह जारी है। मणिपुर आज भी जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इससे को इससे मतलब नहीं है। केंद्र की सरकार चलाने वाली नेता नफरत कम करने की बजाय नफरत बाली बयानबाजी देने में लगी हुई है। ऐसे में युवा पीढ़ीयों को एक होकरदेश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बचाने के लिए संकल्प के साथ आगे आने की जरूरत है।