सबसे सुरक्षित माने जाने वाले पुलिस लाइन में ही घुसकर महिला पुलिसकर्मी की हत्या कर दी जाती है और पुलिस को घटना के दो दिनों बाद इसकी जानकारी होती है। जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित पुलिस लाइन के स्टाफ क्वार्टर एलएसजी प्लस3 जे5 निवासी महिला कांस्टेबल 36 वर्षीय सविता रानी हेंब्रम, उसकी मां 60 वर्षीय लखिया मुर्मू और 13 वर्षीय बेटी गीता हेंब्रम की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्यारे ने घटना को अंजाम देने के बाद कमरे में बाहर से ताला लगा दिया। दो दिनों तक शव बंद कमरे में ही पड़ा रहा। कमरे से तेज बदबू आने पर पड़ोसियों ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी।

कमरे में एक साथ पड़े थे तीनों शव
सूचना पाकर एसएसपी प्रभात कुमार मौके पर पहुंचे और ताले को तोड़वाया। पुलिस कमरे में गई तो कमरे में तीनों के शव को देख हैरत में पड़ गई। कमरे में एक साथ तीन शव पड़े थे। लखिया मुर्मू का शव बेड पर पड़ा था जबकि, सविता और गीता का शव उसी कमरे में फर्श पर पड़ा था। तीनों की हत्या धारदार हथियार से की गई थी। पुलिस ने कमरे को सील कर डॉग स्क्वायड के अलावा फोरेंसिक टीम को बुलाया और जांच में जुट गई।
नक्सली हमले में हो गई थी पति की मौत
इधर सूचना पाकर सविता की बहन रानो मार्डी मौके पर पहुंची. रानो ने बताया कि वो लोग मूल रूप से सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर के रहने वाले है. सविता के पति कैलाश हेंब्रम की मौत जादूगोड़ा में हुए नक्सली हमले में मौत हो गई थी. पति के मारने के बाद नौकरी मिली थी। नौकरी के बाद वह एसएसपी कार्यालय में गार्ड का काम करती थी और अपनी बेटी और मां के साथ स्टाफ क्वार्टर में रहती थी। घटना को किसने अंजाम दिया इसके बारे में जानकारी नहीं है।
जांच के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया गया
एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि सविता बुधवार से कार्यालय नही आई थी। शुक्रवार को पड़ोसियों ने सूचना दी कि कमरे से दुर्गंध आ रही है जिसके बाद कमरे का ताला तोड़ा गया. जांच के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया गया है. फिलहाल जांच चल रही है. जांच के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा।