[Team insider] नदियों को खतरा अब इंडस्ट्रियल वेस्टेज से नहीं, बल्कि शहरी प्रदूषण से हो रहा है। यह कहना है रांची विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एमके जमुआर का। प्रदूषण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था युगांतर भारती द्वारा राज्य की नदियों का सर्वे कराया जा रहा है। इसके तहत नदियों के जल का सैंपल कलेक्ट किया जा रहा है। साथ ही जल क्यों प्रदूषित हो रहे हैं, और इसके क्या दुष्परिणाम होने वाला है, इसकी जांच की जा रही है।
स्वर्णरेखा नदी के पानी का किया जा रहा सर्वेक्षण
टीम के सदस्य शुक्रवार को जमशेदपुर के सोनारी स्थित दोमुहानी घाट पहुंचे। जहां स्वर्णरेखा और खरकई नदी का संगम है। टीम ने यहां के सैंपल भी कलेक्ट किए। मगर इनके द्वारा जो बताया गया वह बेहद ही चौंकाने वाला है। टीम में शामिल रांची यूनिवर्सिटी के पूर्व सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. एमके जमुआर ने बताया कि टीम द्वारा स्वर्णरेखा नदी के पानी का सर्वेक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शहरी आबादी से होकर गुजरने वाली यह नदी शहरी क्षेत्र में ज्यादा प्रदूषित हो रही है। यह नदी औद्योगिक कचरे से कम शहरी कचरे से ज्यादा प्रदूषित हो रही है।
शहरी जल- मल से नदी का जल होता जा रहा विषाक्त
हैरान करने वाली बात तो यह है शहरी जल- मल से नदी का जल विषाक्त होता जा रहा है। तकनीक के जरिए इंसानी जल- मल को फिल्टर कर पुनः पीने योग्य बनाया जा रहा है, जो शरीर और प्रकृति दोनों के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने बताया कि अगर जल्द ही नदियों का अतिक्रमण और इसमें बहने वाले जल- मल पर लगाम नहीं लगाया गया, तो स्थिति बेहद ही भयावह हो सकती है। उन्होंने बताया कि इसकी रिपोर्ट सरकार को भी की जाएगी। इस दौरान जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी मौजूद रहे।
प्रदुषण की जांच को कांग्रेस ने धोखा बताया
वहीं विधायक सरयू राय द्वारा स्वर्णिरेखा और खरकाई नदी के प्रदुषण की जांच को कांग्रेस ने एक धोखा बताया है। साथ ही खरकाई और स्वर्णिरेखा नदी के संगम दो मुहानी पर पहउंचकर इसका विरोध किया। इस दौरान इन्होने विधायक सरयू राय के खिलाफ नारे लगाए, इन्होने कहा की पिछले लगभग 13 वर्षो से जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिम विधानसभा के विधायक सरयू राय रहें हैँ, और सैकड़ों बार उन्होंने नदियों के जल परिक्षण के नाम पर पानी का सैम्पल लिया लेकिन उसका जांच रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं किया, कांग्रेसियों ने कहा की जांच रिपोर्ट को लेकर वे उद्योगों को ब्लैकमेल करने और निजी स्वार्थ साधने का कार्य करते हैँ, जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है.