बिहार में पोस्टर वार का सिलसिला भी लगातार जारी है। पटना के अलग-अलग इलाकों में नए पोस्टर देखने को मिले हैं, जिनमें इस बार एक खास बात यह रही कि पोस्टरों पर QR कोड लगाया गया है। QR कोड स्कैन करने पर एक वेबसाइट bhuleganahibihar.com खुलती है, जो राजद सरकार के कथित कुशासन और लालू यादव के कार्यकाल को लेकर सवाल उठाती है। अब नए पोस्टरों में दिए गए QR कोड को स्कैन करने पर खुलने वाली वेबसाइट bhuleganahibihar.com पर लालू यादव, राबड़ी देवी और उनके दोनों बेटे तेजस्वी व तेजप्रताप यादव की तस्वीरें लगी है।
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वेबसाइट का मुख्य संदेश है: ‘जंगलराज का अत्याचार भूलेगा नहीं बिहार’। इसके अलावा, वेबसाइट के माध्यम से बिहार को कथित कुशासन से बचाने की शपथ लेने की अपील की जा रही है। वेबसाइट पर नीचे जाने पर एक गाना बजता है, जिसके बोल हैं:
‘भुलाए नाही भूले हमको
ऊ काला दिन ऊ रतिया,
बताड़ लालू जी हमपे,
जुलम काहे किया।’
इस गीत में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के शासनकाल में अपराध, माफियाराज, गुंडाराज, महिलाओं पर अत्याचार, बेरोजगारी और पलायन के मुद्दों को उठाया गया है। साथ ही, परिवारवाद के आरोपों के अलावा, लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा रोकने, चारा घोटाले और लैंड फॉर जॉब स्कैम जैसे मामलों का भी जिक्र किया गया है। गाने की मुख्य लाइन है ‘खूब कइले थे अत्याचार, जब जनता थी लाचार, भूलेगा नहीं बिहार, भूलेगा नहीं बिहार।’ गीत के माध्यम से लालू यादव के परिवारवाद और कथित भ्रष्टाचार पर प्रहार किया गया है। इसमें कहा गया है कि जो बाप ने बोया, वही बेटा काट रहा है। इसके साथ ही, इस बात को भी उजागर किया गया है कि सत्ता मिलने पर तेजस्वी यादव ने भी उसी नीति को आगे बढ़ाया है।
वेबसाइट पर जंगलराज का कालाचिठ्ठा’ नामक एक दस्तावेज भी डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है। इसमें लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार, आपराधिक गतिविधियों, बिहार के विकास में पिछड़ने, सनातन संस्कृति के प्रति राजद के रवैये और महिलाओं पर अत्याचार के मामलों को उजागर किया गया है। फिलहाल, इन पोस्टरों को लगाने वालों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन बिहार की सियासत में इनकी गूंज साफ सुनाई दे रही है। JDU एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि पोस्टर किसने लगाया यह नहीं पता, लेकिन जो भी लिखा है सही है। लालूवाद विचारधारा के चलते सामाजिक और राजनीतिक संकट इस बिहार ने झेला है। बिहार के माथे पर कलंक का टीका लगा। पोस्टर पर लगे स्कैनर को स्कैन करिए, राजद शासनकाल का चेहरा बेनकाब होगा। ये बिहार की नई पीढ़ी के लिए आवश्यक है।