झारखंड कांग्रेस में आंतरिक विवाद (Jharkhand Congress Crisis) ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया है, जहां मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता प्रदीप यादव पर विपक्षी भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी से गुप्त सांठगांठ का खुलेआम आरोप लगाया है। वायरल पोस्टर अभियान और विधानसभा में गर्मागर्म बहस के बीच उभरे इन आरोपों ने सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन में गहरी दरारें उजागर कर दी हैं, जिससे पार्टी की एकता पर सवाल उठने लगे हैं।
विवाद की शुरुआत इस सप्ताह की शुरुआत में हुई, जब सोशल मीडिया और स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप्स पर एक उत्तेजक पोस्टर वायरल हो गया। ‘बुरी नजर वालो, तेरा मुंह काला!’ शीर्षक वाला यह ग्राफिक अंसारी को यादव पर हमला करते हुए दिखाता है, जिसमें वे कथित तौर पर मरांडी से संबंध साबित करने का आरोप लगाते हैं। पोस्टर में अंसारी के उद्धरण हैं: ‘राजनीति में कोई इसे इस तरह तक गिर सकता है: यह बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव ने साबित कर दिया!’ पोस्टर यादव को “शर्म करो” कहते हुए उनकी कथित विश्वासघात पर हमला करता है, साथ ही पार्टी की वफादारी पर सवाल उठाता है।

हालांकि, प्रदीप यादव ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है, उन्हें पूरी तरह झूठा, निराधार और काल्पनिक बताते हुए। एक प्रेस बयान में, उन्होंने वीडियो को हेरफेर किया हुआ बताया और इरफ़ान अंसारी पर व्यक्तिगत दुश्मनी निपटाने के लिए बदनामी अभियान चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की हताश कोशिश है।
यह कलह चार दिन पहले, 10 दिसंबर को झारखंड विधानसभा में चरम पर पहुंच गई। दरअसल, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मामले में दुमका के हंसडीहा में सीसीएल के सीएसआर फंड से बने अस्पताल में हुए चोरी का मामला उठाया था। इस दौरान प्रदीप यादव ने लगभग 25 करोड़ की चोरी होने की आशंका जताई। साथ ही विभाग के जवाब पर नाराजगी जताते हुए इसपर संज्ञान लेने का आग्रह किया। प्रदीप यादव की इस अपील को स्पीकर ने स्वीकार करते हुए इसे सदन के संज्ञान में लाने की अनुमति प्रदान की।
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प्रदीप यादव के द्वारा सदन में हंसडीहा स्वास्थ्य केंद्र में हुए 25 करोड़ के सामान की चोरी को गलत बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने इसे प्रमाणित करने को कहा है। विधानसभा परिसर में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री अपने ही पार्टी के विधायक दल के नेता प्रदीप यादव पर जमकर बरसते नजर आए। उन्होंने कहा कि चोरी जरूर हुई है, मगर यह एक करोड़ के करीब है। ऐसे में प्रदीप यादव ने जिस तरह से 25 करोड़ की चोरी की बात कही है, उसे या तो प्रमाणित करें नहीं तो माफी मांगें।
बताते चलें कि यह इरफ़ान अंसारी और प्रदीप यादव के बीच पहली टकराव नहीं है। तनाव 2020 से चला आ रहा है, जब इरफ़ान अंसारी ने प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने पर इस्तीफे की धमकी दी थी, उनकी पिछली विवादास्पद छवि का हवाला देते हुए, जिसमें यौन उत्पीड़न और अल्पसंख्यक-विरोधी भावनाओं के आरोप शामिल हैं। झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) से कांग्रेस में आए प्रदीप यादव सीएलपी नेता तक पहुंचे हैं, लेकिन वे अभी भी विवादास्पद व्यक्तित्व बने हुए हैं।





















