[Team Insider] निर्दलीय विधायक सरयू राय ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि 2016 में राज्य स्थापना दिवस पर 5 लाख टॉफ़ी और टी शर्ट ख़रीदने और जमशेदपुर और रांची में सुनिधि चौहान का कार्यक्रम आयोजित करने में सरकारी ख़ज़ाना की लूट के मामले की जांच एसीबी से करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन रघुवर दास इसको लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
रघुवर दास को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए
सरयू राय ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाने के बदले रघुवर दास को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्णय पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ग़लत बयानी कर रहे हैं और भ्रम हैं। वे कहते हैं इस मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। वे खुद आधा सच बता रहे हैं और इसके लिए मुख्यमंत्री को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं और जांच को राजनीतिक रंग दे रहे हैं।
इस टॉफ़ी और टी शर्ट घोटाला की उच्चस्तरीय जांच कराने की अनुशंसा गत वर्ष मार्च 2021 में विधानसभा के बजट सत्र में सभा की अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति ने सदन में प्रस्तुत अपने प्रथम अंतरिम जांच प्रतिवेदन में किया था। दिसंबर 2021 के शीत सत्र में सदन में प्रस्तुत दूसरे अंतरिम प्रतिवेदन में अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति ने कहा था कि सरकार ने टॉफी, टी शर्ट की जांच के दौरान जो दस्तावेज समिति को उपलब्ध कराया है। वे फेंक यानी फ़र्ज़ी हैं।
सरकार जांच के लिये है तैयार
समिति की इस अनुशंसा के अतिरिक्त झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र 2021 में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार ने सदन को सूचित किया कि 2016 में राज्य स्थापना दिवस समारोह के दौरान सुनिधि चौहान के कार्यक्रम आयोजन में अनियमितता पाई गई है। सरकार जांच के लिये तैयार है। सदन निर्णय कर दे कि जांच एसीबी करे या सदन की समिति करे। सभा अध्यक्ष ने संसदीय प्रक्रिया के अनुरूप सरकार को सूचित किया कि इसकी जांच एसीबी से हो। इस नियमन के क़रीब एक माह बाद मुख्यमंत्री ने टॉफ़ी, टी शर्ट और सुनिधि चौहान के कार्यक्रम में हुई अनियमितता की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया है।
भाजपा के हैं समिति के सभापति
उन्होंने कहा कि अब रघुवर दास को पता नहीं किसने भ्रम में डाल दिया है कि इस मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। विधानसभा की जिस अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति ने जांच के बाद सदन में स्पष्ट प्रतिवेदन दिया है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और कहा है कि सरकार ने इस मामले में जो दस्तावेज समिति के सामने दिया है वे फेक हैं। उस पांच सदस्यीय समिति में तीन सदस्य भाजपा के हैं और दो सदस्य झामुमो के हैं। समिति के सभापति भाजपा के हैं। समिति के तीन भाजपा सदस्यों में दो रघुवर दास के मंत्रि परिषद में मंत्री रह चुके हैं। समिति में रामचंद्र चंद्रवंशी(सभापति), नीरा यादव(सदस्य), मनीष जायसवाल (सदस्य), मथुरा महतो (सदस्य), समीर मोहंती (सदस्य) शामिल है।