पटना: भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने महाकुंभ मेला-2025 के दौरान प्रयागराज में स्थापित कलाग्राम (Bihar Kalagram) की शानदार सफलता के बाद देश भर में 20 नए कलाग्राम बनाने का फैसला किया है। इनमें बिहार के पटना और बोधगया का भी चयन हुआ है। यह पहल भारतीय सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। केन्द्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आभार व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा है- गया जी के लिए एक और ख़ुशख़बरी,हमारे गया जी की धरती पर “कला ग्राम” के स्थापना की स्वीकृति मिल गई है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार।

क्या है कलाग्राम योजना?
संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुनीश चावला ने 24 मार्च 2025 को बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा को पत्र लिखकर बताया कि प्रयागराज का कलाग्राम एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र बनकर उभरा है। यहाँ देश भर की शिल्पकला, व्यंजन और प्रदर्शन कला को प्रदर्शित किया गया। इसी सफलता को देखते हुए अब Kalagram Initiative के तहत 20 नए केंद्र बनाए जाएँगे, जो कारीगरों, शिल्पकारों और कलाकारों के लिए समर्पित होंगे।
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पटना और बोधगया को पटना कलाग्राम और बोधगया कलाग्राम के लिए चुना गया है। चावला ने बिहार सरकार से इन शहरों में 5 से 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, जो आगंतुकों के लिए सुगम स्थान पर हो। एक बार जमीन तय हो जाने के बाद, केंद्र सरकार इसके निर्माण, रखरखाव और संचालन से जुड़ी सभी जिम्मेदारियां उठाएगी। यह परियोजना बिहार की Bihar Cultural Heritage को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में मदद करेगी।
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कलाग्राम को स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों और सांस्कृतिक प्रदर्शन कलाकारों के लिए समर्पित केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यह न केवल कला, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देगा बल्कि रचनात्मक अर्थव्यवस्था का भी केंद्र बनेगा। अरुनीश चावला ने अपने पत्र में राज्य सरकार से अपील की है कि जमीन की पहचान की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए ताकि आगे की कार्रवाई समय पर पूरी की जा सके।