कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को शुक्रवार 1 से 3 बजे तक मिलने का समय भी दिया है। इस पत्र में कहा गया है कि ज्ञात हुआ है कि आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपने पैरा 3 में उल्लिखित मतदाता सूची में अपात्र मतदाताओं को शामिल करने और पात्र मतदाताओं को बाहर करने का उल्लेख किया था। आपसे अनुरोध है कि आप मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(b) के अंतर्गत संलग्न घोषणा/शपथ पर हस्ताक्षर करके ऐसे मतदाताओं के नाम सहित वापस भेजें ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।


दरअसल, कर्नाटक चुनाव आयोग ने गुरुवार को राहुल गांधी द्वारा वोटर लिस्ट में धांधली के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। कर्नाटक के चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी से अपात्र मतदाताओं के जुड़े और पात्र मतदाताओं के नाम हटाने के आरोप पर शपथ पत्र मांगा है। सीईओ ने बताया कि मतदाता सूची को पारदर्शी तरीके से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है।
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पत्र के अनुसार, नवंबर 2024 में ड्राफ्ट मतदाता सूची और जनवरी 2025 में अंतिम मतदाता सूची कांग्रेस के साथ साझा की गई थी। इसके बाद कांग्रेस की ओर से कोई अपील या शिकायत दर्ज नहीं की गई। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चुनाव परिणामों को केवल उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दी जा सकती है।
सीईओ ने राहुल गांधी से अनुरोध किया है कि वे मतदाता सूची में शामिल या हटाए गए व्यक्तियों के नाम, पार्ट नंबर और सीरियल नंबर के साथ एक हलफनामा जमा करें ताकि आवश्यक कार्रवाई शुरू की जा सके। हलफनामे में यह भी घोषणा करनी होगी कि दी गई जानकारी सही है, और गलत जानकारी देने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को भ्रामक, तथ्यहीन और धमकाने वाला बताया है।