नई दिल्ली : 1 मई 2025 से देशभर में कई वित्तीय और यात्रा संबंधी नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जो आम लोगों की जेब और दिनचर्या पर सीधा असर डालेंगे। इन बदलावों में एटीएम से नकदी निकासी, ओला-उबर की सवारी और भारतीय रेलवे के टिकट नियम शामिल हैं।
आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से:
एटीएम से पैसे निकालने पर बढ़ेगा शुल्क
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने घोषणा की है कि 1 मई से एटीएम से पैसे निकालने की फीस में इजाफा होगा। अब मुफ्त ट्रांजैक्शन की सीमा खत्म होने के बाद प्रति लेनदेन ₹23 का शुल्क देना होगा, जो पहले ₹21 था। मेट्रो शहरों में हर महीने 3 मुफ्त ट्रांजैक्शन और गैर-मेट्रो शहरों में 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन की सुविधा बरकरार रहेगी। हालांकि, इसके बाद लगने वाला शुल्क और टैक्स अलग-अलग बैंकों के नियमों के अनुसार बदल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के बावजूद यह बदलाव उन लोगों को प्रभावित करेगा जो नकदी पर निर्भर हैं।
ओला-उबर का किराया अब सरकार तय करेगी
पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और बारामती जैसे शहरों में ओला, उबर और रैपिडो जैसी कैब सेवाओं का किराया अब सरकार द्वारा नियंत्रित होगा। नए नियम के तहत, पहले 1.5 किलोमीटर के लिए ₹37 और उसके बाद प्रति किलोमीटर ₹25 का शुल्क लिया जाएगा। यह कदम सर्ज प्राइसिंग की अनिश्चितता को खत्म करने और ड्राइवरों को उचित आय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, ऑफ-पीक समय में किराया बढ़ सकता है, जिससे यात्रियों को पहले से ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, पुणे में 10 किलोमीटर की यात्रा का किराया अब लगभग ₹249.50 होगा, जो पहले गैर-सर्ज समय में ₹175 के आसपास था।
रेलवे का सख्त नियम: वेटिंग टिकट वालों को स्लीपर-AC कोच में नहीं मिलेगी जगह
भारतीय रेलवे ने भी अपने नियमों में सख्ती बरतने का फैसला किया है। 1 मई से वेटिंग लिस्ट वाले टिकट धारकों को स्लीपर या एसी कोच में यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे यात्री केवल जनरल कोच में सफर कर सकेंगे। इस नियम का उद्देश्य रिजर्व कोच में भीड़भाड़ को कम करना और कन्फर्म टिकट धारकों को बेहतर अनुभव देना है। पहले कई यात्री वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर कोच में चढ़ जाते थे, जिससे कन्फर्म यात्रियों को परेशानी होती थी। नए नियम के तहत, अगर कोई वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर कोच में यात्रा करता पाया गया, तो उसे ₹250 का जुर्माना और अगले स्टेशन तक का किराया देना होगा।
गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव की संभावना
हर महीने की तरह, 1 मई को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां गैस सिलेंडर के दामों की समीक्षा करेंगी। घरेलू और कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में बदलाव हो सकता है, हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं है। पिछले कुछ महीनों में कीमतें स्थिर रही हैं, लेकिन वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर बदलाव संभव है।
विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए लोग अपनी वित्तीय योजना बनाएं। एटीएम से पैसे निकालने की आदत को कम कर डिजिटल पेमेंट को अपनाएं और रेलवे यात्रा से पहले टिकट कन्फर्मेशन सुनिश्चित करें। साथ ही, कैब यात्रा के लिए नए किराए के हिसाब से बजट तैयार रखें।
इन बदलावों का असर देशभर के करोड़ों लोगों पर पड़ेगा।