आज संसद के मानसून सत्र का छठा दिन है। विपक्षी दलों के सांसद बिहार में मतदाता सूची और पहलगाम आतंकी हमले के मुद्दे पर आक्रामक हैं और सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही है। जिसमें सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर अपना पक्ष रखा। इस पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार से तीखे सवाल पूछ लिए। जिस पर केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता ललन सिंह ने विपक्ष पर पलटवार किया है।
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार किया और केंद्र सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के हर सवाल का जवाइ दिया और उनके सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौरान आतंकी घटनाओं में 614 लोग मारे गए और आज आप हमसे सवाल पूछ रहे हैं।
आप पूछ रहे हैं कि पहलगाम में आतंकी कैसे घुसे। मुंबई के 26/11 हमले में दहशतगर्द कहां से आए थे? आपको यह बताना चाहिए था। आपके में तो आतंकवाद से लड़ने की न तो हिम्मत थी, न कार्रवाई करने का दम। आप बस घड़ियाली आंसू बहाते थे। ललन सिंह ने कहा कि यह कांग्रेस की दुष्प्रचार रणनीति है सच नहीं है। आप कहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति के दबाव में युद्ध बंद किया, यह सच नहीं है। भारत अपना निर्णय स्वयं करता है। भारत ऐसा करने में सक्षम है। कांग्रेस को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता दिखाई नहीं पड़ी। पूरी दुनिया और देश ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा। हमारे देश की विपक्षी पार्टी इस लड़ाई में सरकार के साथ नहीं रही। कांग्रेस दलगत राजनीति से ऊपर उठे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूपीए के किसी प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने का संकल्प नहीं लिया। ये प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प था। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्रा स्थगित करके देश वापस लौटे। 24 अप्रैल को पंचायतीराज दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मधुबनी से कहा था कि भारत इसका जवाब कल्पना से परे पाकिस्तान को देगा। उन्होंने पूरी दुनिया को संदेश दिया कि हम आतंकवाद के आगे झुकने वाले नहीं हैं।