राजद सुप्रीमो लालू यादव ने एक बार फिर एनडीए सरकार पर हमला बोला है। वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर 10 बरसों में OBC, SC और ST वर्ग के छोटे व्यवसायों को खत्म करने का आरोप लगाया है। लालू यादव ने ट्वीट कर कहा है कि वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब (विश्व असमानता लैब)की ओर साझा की गई रिसर्च में पिछड़ों/दलितों और आदिवासियों के लिए डरावने आंकड़े सामने आए है। यह रिसर्च देश में बढ़ती सामाजिक-आर्थिक गैरबराबरी को उजागर करती है।
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इस रिपोर्ट के अनुसार उच्च जातियों के पास देश की कुल संपत्ति का 88.41% हिस्सा है जबकि ओबीसी के पास केवल 9.0% और अनुसूचित जाति और जनजाति के पास मात्र 2.6% है। 2013 में OBC का देश की संपत्ति में17.3% हिस्सा था जो 2022 में घटकर 9% ही रह गया है। छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय लगातार घटते जा रहे हैं। कृषि घाटे का सौदा होता जा रहा है। किसान सरकार की गलत नीतियों के चलते बर्बाद हो रहे है। सर्वविदित है कि देश में OBC/SC/ST की आबादी लगभग 85% है। यही कारण है कि बीजेपी जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहती क्योंकि इससे हर क्षेत्र में कुंडली मारे बैठे संपन्न लोगों का प्रभुत्व उजागर हो जाएगा।
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रिसर्च बताती है कि देश की कुल संपत्ति का बड़ा हिस्सा लगभग 89% हिस्सा, आबादी में सबसे कम वाले वर्गों के पास है तथा देश की सबसे अधिक आबादी वाले 85% OBC/SC/ST के पास बाक़ी बचा हिस्सा है। इससे पता चलता है कि हमारे देश में सामाजिक-आर्थिक असमानता की जड़ें कितनी गहरी हैं। मोदी सरकार लगातार 10 बरसों से OBC,SC और ST वर्ग के छोटे व्यवसायों को भी टारगेट कर खत्म कर रही है।
जब तक OBC, SC & ST और उच्च जाति के गरीब लोग बीजेपी की भक्ति, धर्मांधता और नफ़रत बोने वाले दंगाइयों को अपना नेता मानेंगे, तो ये आंकड़े और भी बद्तर होते जाएंगे। विगत 10 वर्षों में इन्होंने आपको यानि OBC/SC/ST को धर्म और छद्म राष्ट्र के बनावटी मुद्दों व बहसों में उलझा कर अपनी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सत्ता को ओर अधिक सुदृढ़ एवं सुनिश्चित किया है। ये लोग धूर्तता के साथ OBC/SC/ST को सांकेतिक और दिखावटी प्रतिनिधित्व देकर इतिश्री कर देते है ताकि देश की ये बहुसंख्यक आबादी अपने अधिकारों की वाजिब मांग ना कर सके।