सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने के बाद, जिसमें कहा गया था कि बिना जमाबंदी होल्डिंग कायम किए विक्रेता द्वारा किसी भी जमीन की बिक्री नहीं हो सकती, बेगूसराय में जमीन की रजिस्ट्री की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद रजिस्ट्री में भारी गिरावट
पटना हाईकोर्ट ने जमाबंदी को अनिवार्य कर जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। इससे बेगूसराय समेत पूरे बिहार में जमीन की रजिस्ट्री कम हो गई थी। मार्च और अप्रैल 2024 में रजिस्ट्री की संख्या में भारी गिरावट आई थी। मार्च 2024 में मात्र 393 रजिस्ट्री हुई थीं, जबकि अप्रैल 2024 में यह संख्या 475 रह गई थी।
रजिस्ट्री की संख्या में उछाल
- मार्च और अप्रैल 2024 में, जब हाईकोर्ट का आदेश लागू था, तब प्रतिदिन औसतन 14 रजिस्ट्री ही हो रही थीं।
- मई 2024 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह संख्या बढ़कर 57 से अधिक हो गई है।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बेगूसराय में जमीन की रजिस्ट्री की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है।
राजस्व में भी वृद्धि
- रजिस्ट्री की संख्या बढ़ने के साथ ही विभागीय राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
- पहले प्रतिदिन औसतन 20 लाख 33 हजार 556 रुपये का राजस्व होता था, जो अब बढ़कर 40 लाख रुपये हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जमीन विक्रेताओं और खरीदारों को बड़ी राहत मिली है। अब वे बिना जमाबंदी के भी अपनी जमीन बेच और खरीद सकते हैं।