पटना आज एक बड़े राजनीतिक आयोजन का केंद्र बनने जा रहा है, जहां लोक जनशक्ति पार्टी (LJP (Ramvilas)) अपना 25वां स्थापना दिवस भव्य स्तर पर मनाने जा रही है। बापू सभागार में होने वाला यह कार्यक्रम केवल एक राजनीतिक उत्सव नहीं बल्कि चिराग पासवान की ताकत और संगठनात्मक विस्तार का प्रदर्शन भी माना जा रहा है। राजधानी के प्रमुख इलाकों में जिस तरह विशाल होर्डिंग, पोस्टर, डिजिटल स्क्रीन और पार्टी के झंडों से सड़कों को सजाया गया है, उससे साफ जाहिर है कि पार्टी इस कार्यक्रम को अपने इतिहास के सबसे बड़े आयोजन के रूप में पेश करने के लिए तैयार है।
कार्यक्रम स्थल के बाहर हाईटेक लाइटिंग, आकर्षक गेट, फूलों से सजी एंट्री पाथवे और सुरक्षा व्यवस्था ने माहौल को पूरी तरह राजनीतिक महोत्सव में बदल दिया है। शहर भर के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में इस आयोजन को लेकर उत्साह चरम पर पहुंच चुका है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का दावा है कि इस बार जुटने वाली भीड़ सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ देगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान मुख्य अतिथि के रूप में मंच संभालेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने वाले नए विधायकों, बिहार सरकार में हाल ही में शामिल हुए मंत्रियों, प्रदेश-राष्ट्रीय पदाधिकारियों और जिला-प्रखंड स्तर के सैकड़ों नेताओं का विशेष सम्मान समारोह भी रखा गया है, जो आयोजन का प्रमुख आकर्षण बनेगा। पार्टी का मानना है कि यह सम्मान उसके नए राजनीतिक समीकरणों और भविष्य की रणनीति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
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स्थापना दिवस में दलित सेना के बड़े पुनर्गठन का ऐलान भी लगभग तय माना जा रहा है। चिराग पासवान पहले ही संकेत दे चुके हैं कि दलित समाज तक मजबूत पहुंच बनाने के लिए संगठन का नया ढांचा तैयार किया जा रहा है। इस जिम्मेदारी की बागडोर अरुण भारती के हाथों में सौंपी गई है, जो राज्यभर में दलित समुदाय से जुड़े मुद्दों को आक्रामक रूप से उठाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
चिराग पासवान इस मंच से आने वाले एक साल की राजनीतिक दिशा भी तय कर सकते हैं। उन्होंने पहले ही कहा है कि मकर संक्रांति के बाद 14 जनवरी से वे पूरे बिहार में जन यात्रा की शुरुआत करेंगे। यह यात्रा गांव-गांव पहुंचकर सड़क, स्वास्थ्य सेवाओं, बिजली-पानी, स्कूलों की स्थिति, किसानों-मजदूरों की समस्याओं और अन्य स्थानीय मुद्दों का आकलन करेगी। इस यात्रा को एलजेपी (रामविलास) की बड़े पैमाने पर राजनीतिक सक्रियता के रूप में देखा जा रहा है।
पिछले 24वें स्थापना दिवस में शुरू किए गए ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ अभियान के बाद संगठन ने बूथ स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत की थी। उसी का नतीजा इस साल हुए चुनावों के परिणामों में साफ दिखाई दिया। इस बार चिराग पासवान संगठन विस्तार, सामाजिक समीकरणों और आने वाले चुनावी अभियान को लेकर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकते हैं। पार्टी अपने एक साल की उपलब्धियों और संगठनात्मक फैसलों का लेखा-जोखा भी मंच से प्रस्तुत करेगी।
आज का दिन एलजेपी (रामविलास) के लिए सिर्फ जश्न नहीं बल्कि शक्ति, रणनीति और भविष्य की दिशा का संदेश देने वाला होगा। पटना की राजनीतिक फिजा इस कार्यक्रम के बहाने एक बार फिर चिराग पासवान की सक्रियता और बढ़ते प्रभाव की ओर संकेत दे रही है।






















