सासाराम रेलवे पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 बाल मजदूरों को मुक्त कराया है। इन बच्चों को मानव तस्कर चेन्नई ले जा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में चार मानव तस्करों को भी गिरफ्तार किया है।
रेलवे पुलिस के इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर चलाए जा रहे विशेष चेकिंग अभियान के दौरान यह कार्रवाई की गई। जब गया-चेन्नई और सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस ट्रेनें सासाराम स्टेशन पहुंचीं तो उनमें सवार यात्रियों की जांच की गई। इसी दौरान पुलिस को कुछ संदिग्ध बच्चे मिले। पूछताछ करने पर पता चला कि इन बच्चों को बाल मजदूरी के लिए चेन्नई ले जाया जा रहा था।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चार मानव तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। इन तस्करों की पहचान गया के तस्लीम, प्रदीप प्रजापति, सुबोध कुमार और असगर मियां के रूप में हुई है। इन तस्करों ने बताया कि वे इन बच्चों को प्रति माह 12 हजार रुपये में चेन्नई के किसी फैक्ट्री में काम पर लगाने वाले थे।
मुक्त किए गए सभी बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन के हवाले कर दिया गया है। चाइल्ड हेल्पलाइन के सदस्य आफताब आलम ने इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया।
यह पहली बार नहीं है जब सासाराम रेलवे स्टेशन पर बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया हो। पिछले 20 दिनों में यहां से 16 बाल मजदूरों को मुक्त कराया जा चुका है और सात मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
इस कार्रवाई में इंस्पेक्टर संजीव कुमार के अलावा बीबीए कोऑर्डिनेटर देशराज सिंह, उप निरीक्षक डीएस राणावत, प्रधान आरक्षी शशि कुमार, प्रधान आरक्षी भुवनेश्वर राय और चंदा गुप्ता शामिल थे।
यह कार्रवाई बाल मजदूरी के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही है। पुलिस की इस सतर्कता के कारण कई बच्चों को बाल मजदूरी से बचाया जा सका है।