नई दिल्ली : पूर्व भारतीय राजदूत और यूरोपीय संघ में भारत के पूर्व राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान पर प्रतिक्रिया दी है। पुरी ने कहा कि ट्रंप एक अनोखे व्यक्ति हैं, जो अपने और अपनी क्षमताओं में अत्यधिक विश्वास रखते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पूरे मामले को समाप्त करना चाहिए, क्योंकि हम अपनी तरफ से ही उनकी विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं।
इसके बजाय, हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह द्विपक्षीय संपर्कों का परिणाम था, जैसा कि प्रधानमंत्री और अन्य सरकार के सदस्यों द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे सभी बातचीत में थे, लेकिन यह एक द्विपक्षीय निर्णय था, जो उनकी तरफ से एक अनुरोध था, जिसे हमने स्वीकार किया क्योंकि हमने महसूस किया कि उस समय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सैन्य उद्देश्य पूरे हो चुके थे।
पुरी के बयान के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ की गई एक सटीक कार्रवाई थी, जो भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सहयोग का एक हिस्सा थी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में किसी बाहरी व्यक्ति की भूमिका नहीं थी, और यह पूरी तरह से दोनों देशों के बीच सैन्य उद्देश्यों के आधार पर लिया गया निर्णय था।
यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक संबंधों में सुधार हुआ है। पूरी का बयान अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग की प्रकृति को स्पष्ट करने का एक राजनयिक प्रयास है, और यह ऐतिहासिक पैटर्न के अनुरूप है जहां द्विपक्षीय निर्णय अक्सर पारस्परिक रणनीतिक हितों के संदर्भ में फ्रेम किए जाते हैं।