बिहार के अररिया में कथित रूप से मध्याह्न भोजन खाने से तकरीबन 100 बच्चे बीमार हो गये। सभी को आनन फानन में सदर अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल सभी बच्चों की स्थिति खतरे से बाहर बतायी जा रही है। डॉक्टर के अनुसार मामला फूड प्वाइजनिंग का है। उन्होंने बताया कि फिलहाल बच्चों की स्थिति में सुधार हो रहा है। अस्पताल के वारिये चिकित्सक डॉक्टर जितेंद्र प्रसाद ने कहा,”मामला फूड प्वाइजनिंग का है। सभी बच्चों का उपचार किया जा रहा है। बच्चों के इलाज में एक दर्जन डॉक्टर लगे हुए हैं। बच्चों की स्थिति में सुधार हो रहा है। खतरे की कोई बात नहीं है।”
जानकारी के अनुसार अररिया प्रखंड के मध्य विद्यालय जितवारपुर पलासी पटेंगना में बच्चों ने टिफिन टाइम मध्याह्न भोजन खाया था। इसके बाद घर पहुँचते हीं तकरीबन 4 बजे बच्चों को उल्टी होने लगी। परिजनों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी। सभी बच्चों को एम्बुलेंस से सदर अस्पताल पहुंचाया गया। एक परिजन ने बताया कि बच्चे स्कूल से जब वापस आये तो उन्हें उल्टी होना शुरू हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही सांसद प्रदीप कुमार सिंह भी सदर अस्पताल पहुंचे और बच्चों के स्वास्थ्य का जायजा लिया। उन्होंने सिविल सर्जन सहित सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया कि बच्चों के इलाज में कोई कमी ना हो। साथ हीं उन्होंने निर्देश दिया कि मध्याह्न भोजन स्कूल को सप्लाई की है उसकी जांच हो। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिसने भी लापरवाही की है, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इधर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अभिनंदन ऋषिदेव ने बताया कि बुधवार को मध्याह्न भोजन में खिचड़ी चोखा खाने के लिए दिया गया था। उन्होंने बताया कि जिस टोले के बच्चे विषाक्त भोजन के शिकार हुए हैं, वहां दो दिन पूर्व से भोज का भी आयोजन हुआ था।