Mokama Murder Case: बिहार की राजनीति एक बार फिर से हिंसा और बाहुबल के साए में आ गई है। मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने न सिर्फ स्थानीय राजनीतिक समीकरणों को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे बिहार में सियासी तापमान बढ़ा दिया है। विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से महज छह दिन पहले यह हत्या मोकामा को राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल के केंद्र में ले आई है।
दुलारचंद यादव कोई साधारण नाम नहीं थे। कभी लालू प्रसाद यादव के बेहद भरोसेमंद सहयोगी और टाल क्षेत्र के दबंग माने जाने वाले दुलारचंद ने राजनीति में अपने प्रभावशाली दौर में राजद से लेकर कई अन्य दलों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। 80 और 90 के दशक में उनका नाम मोकामा और बाढ़ इलाके में ताकत के प्रतीक के रूप में लिया जाता था। बाद में उनका संबंध बाहुबली अनंत सिंह से भी घनिष्ठ हुआ। मगर वक्त के साथ रिश्तों की यह कहानी सियासी अदावत में बदल गई।
पिछले कुछ महीनों से दुलारचंद यादव जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के साथ खुलकर खड़े थे। वे न सिर्फ अनंत सिंह की आलोचना कर रहे थे बल्कि सोशल मीडिया पर भी लगातार उन पर निशाना साध रहे थे। यही राजनीतिक टकराव अब खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया।
हत्या की घटना तारतर गांव की है, जहां गुरुवार की शाम को दुलारचंद यादव को पहले लाठी-डंडों से पीटा गया और फिर गोली मार दी गई। उनके समर्थकों का आरोप है कि यह हमला अनंत सिंह के लोगों ने किया। जबकि अनंत सिंह ने पलटवार करते हुए सूरजभान सिंह पर इस हत्या की साजिश का आरोप जड़ा है। उन्होंने दावा किया कि “दुलारचंद की हत्या सूरजभान के इशारे पर हुई है ताकि मेरा राजनीतिक नुकसान हो।”
घटना के बाद मोकामा और आसपास के गांवों में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों ने पांच घंटे तक शव उठाने नहीं दिया, जिसके बाद प्रशासन को भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अनंत सिंह के समर्थकों ने पहले गोली मारी और फिर कार से कुचल दिया। वहीं, अनंत समर्थकों ने कई वीडियो जारी कर कहा है कि असल हमला जनसुराज कार्यकर्ताओं ने किया था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी अब इस हत्या के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गई हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि आचार संहिता के बीच हथियारबंद लोग घूम रहे हैं, यह राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल है। वहीं, सांसद पप्पू यादव भी बाढ़ पहुंचे और दुलारचंद के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हर बड़ी घटना में अनंत सिंह का नाम क्यों आता है, यह जांच का विषय है।
इस हत्याकांड ने मोकामा विधानसभा सीट को बिहार चुनाव का सबसे चर्चित केंद्र बना दिया है। जहां एक ओर जनसुराज, राजद और जदयू जैसे दल एक-दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं, वहीं मतदाता यह सोचने को मजबूर हैं कि क्या बिहार की राजनीति कभी बाहुबल और खूनखराबे से मुक्त हो पाएगी।






















