रांची: टेंडर घोटाला मामले के आरोपी हृदयानंद तिवारी को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है। बता दें गढ़वा के निवासी हृदयानंद तिवारी दिल्ली में चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। हृदयानंद पर आरोप है कि उन्होंने ही एक अन्य चार्टर्ड एकाउंटेंट मुकेश मित्तल से वीरेंद्र राम को मिलवाया था। बता दें मुकेश मित्तल के कार्यालय में ही सीए हृदयानंद तिवारी सहयोगी के रूप में कार्य करते थे। मुकेश मित्तल के माध्यम से हृदयानंद तिवारी ने वर्ष 2014 से लेकर 2019 के दौरान निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम का 9.41 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग कराया था। वहीं इस कार्य के लिए उसने दो लाख रुपये कमीशन लिए थे।
इस मामले में हृदयानंद फरार चल रहे है वहीं बीते 29 जुलाई को ईडी की टीम ने हृदयानंद तिवारी के गढ़वा स्थित घर पर इश्तेहार चिपकाया था। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से संबंधित मामलों में यह इश्तेहार चिपकाया है। आरोपी हृदयानंद तिवारी के खिलाफ 25 जुलाई को ईडी कोर्ट ने इश्तेहार जारी किया था और अगले 30 दिनों के अंदर हाजिर होने के लिए कहा गया था। वहीं इसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बताते चलें कि हृदयानंद तिवारी की ओर से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी दाखिल की गई है। इस दौरान कोर्ट की सुनवाई के दौरान अदालत ने हृदयानंद तिवारी के खिलाफ कुर्की जब्ती पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी।