बिहार में मानसून कमजोर पड़ रहा है और सूखे की आशंका बढ़ रही है। इंडियन मेटेरियोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) के अनुसार, अगले 4-5 दिनों तक प्रायद्वीपीय और मध्य भारत में मानसून के सक्रिय रहने की संभावना है, लेकिन बिहार में अच्छी बारिश की संभावना कम है।
कम बारिश के प्रभाव:
- किसान चिंतित: कम बारिश से किसानों को फसल के लिए चिंता सता रही है। सूखे के कारण धान, मक्का, गेहूं और दलहन जैसी फसलों को नुकसान होने की आशंका है।
- जल संकट: कम बारिश के कारण जल संकट गहरा सकता है। भूजल स्तर गिर रहा है और नदियों में पानी कम हो रहा है। ग्रामीण इलाकों में पेयजल की समस्या बढ़ सकती है।
- आर्थिक प्रभाव: सूखा राज्य की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर सकता है। कृषि उत्पादन में कमी से आर्थिक विकास दर प्रभावित हो सकती है।
सरकारी उपाय:
- राज्य सरकार ने सूखे से निपटने के लिए योजना बनाई है। किसानों को सहायता देने के लिए राहत पैकेज की घोषणा की गई है।
- जल संरक्षण के उपायों पर जोर दिया जा रहा है। वर्षा जल संचयन और कम पानी वाली फसलों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- सूखे की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और आवश्यकतानुसार अन्य उपाय किए जाएंगे।
आगे की राह:
- मानसून के फिर से सक्रिय होने की संभावना है। अगले कुछ दिनों में बारिश की स्थिति में सुधार हो सकता है।
- सरकार, किसानों और अन्य हितधारकों को मिलकर सूखे से लड़ना होगा। जल संरक्षण और टिकाऊ कृषि अभ्यासों को प्रोत्साहित करना होगा।