मोतिहारी से पटना लौटते समय वीआईपी के सुप्रीमो और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने मुजफ्फरपुर में प्रेस को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। कुढ़नी प्रखंड में एक सप्ताह के भीतर दो दुष्कर्म की घटनाओं और एक पीड़िता की मौत पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “यह अब सिर्फ कुढ़नी का मामला नहीं है, बल्कि पूरे बिहार में दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के साथ हो रहे अन्याय का प्रतीक है।”
सहनी ने दावा किया कि इससे पहले समस्तीपुर में भी निषाद समाज की एक बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन आज तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। मुजफ्फरपुर की घटना को उन्होंने “बेहद शर्मनाक” बताया और कहा कि पीड़िता की मौत सरकारी लापरवाही का परिणाम है।
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वीआईपी प्रमुख ने राज्य के सरकारी अस्पतालों की स्थिति पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि “पीएमसीएच से लेकर राज्य के अधिकतर सरकारी अस्पताल अब दलालों के अड्डे बन चुके हैं। डॉक्टर से लेकर स्टाफ तक कमीशनबाजी में लिप्त हैं और हर मरीज के इलाज पर कमीशन तय किया गया है।” सहनी ने यह भी कहा कि अपराधियों और बलात्कारियों का कोई जात या धर्म नहीं होता, ऐसे अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वीआईपी पार्टी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
दलितों और अति पिछड़ों को न्याय मिलने में हो रही देरी पर चिंता जताते हुए सहनी ने कहा, “यह बात अब किसी से छुपी नहीं है कि इन वर्गों को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। वीआईपी पार्टी इन वर्गों के हक की लड़ाई लड़ रही है और आने वाले समय में और भी मजबूती से लड़ेगी।” अपने संबोधन के अंत में सहनी ने स्पष्ट संकेत दिया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेकर मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि बिहार में सत्ता बदले। जब तक सत्ता नहीं बदलेगी, दलितों, पिछड़ों और गरीबों को न्याय नहीं मिलेगा। हम जनता के साथ हैं।”
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