Bihar SIR: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण पर जमकर सियासत हो रही है। उधर चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट रिवीजन के पहले चरण के तहत मसौदा सूची प्रकाशित कर दी। आंकड़े के अनुसार अब मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है जबकि पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था। यानी करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम इस सूची से हटाए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार किशनगंज में 1 लाख 45 हजार 913 लोगों के नाम लिस्ट से हटाए गए हैं। सहरसा में 1 लाख 31 हजार 596 वोटर्स के नाम काटे गए हैं।
सबसे ज्यादा नाम आयोग की ओर से राजधानी पटना से हटाए गए हैं। पटना से 50.04 लाख वोटर 24 जून तक दर्ज थे और यहीं सबसे ज़्यादा 46.51 लाख एनुमरेशन फॉर्म जमा हुए। लेकिन 3.95 लाख फॉर्म ऐसे हैं जिन्हें या तो जमा नहीं किया गया या ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं जोड़ा गया।
नीचे के लिस्ट में दिखिए किस जिले से कितने नाम कटे है..

चुनाव आयोग ने बताया है कि 22.34 लाख नाम इसलिए हटाए गए क्योंकि वे लोग अब जीवित नहीं हैं। 36.28 लाख लोग दूसरी जगह स्थायी रूप से चले गए हैं या अनुपस्थित पाए गए। 7.01 लाख लोग दो जगहों पर नाम दर्ज करा चुके थे, इसलिए हटाए गए।
बिहार में SIR के तहत चल रहे प्रक्रिया में भागलपुर के ज़िला निर्वाचन अधिकारी सह डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि भागलपुर में 2 लाख 44 हजार 6 सौ 12 वोटर का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया है पहले 24 लाख 4 सौ 14 वोटर थे अब 21 लाख 55 हजार 802 वोटर, लिस्ट के पब्लिकेशन के बाद सामने आए हैं मृत वोटर की संख्या 62 हजार 852 है, 1 लाख 25 हजार 388 वोटर दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं उसके अलावा 26 हज़ार 566 वोटर का नाम दो जगह है इन तमाम लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है पहले भागलपुर में 2263 बूथ थे, उसे बढ़ाकर 2678 बूथ किया गया है चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 1200 वोटर पर एक बूथ होना है उस आलोक में 415 बूथ की संख्या बढ़ा दी गई है दावा आपत्ति के लिए 1 माह का वक्त है बीएलए अगर गलत मंशा से किसी वोटर का नाम जोड़वाने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर का भी प्रावधान है।