हर साल 5 जनवरी को राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पक्षियों और उनके आवासों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस दिन का उद्देश्य पक्षियों के पारिस्थितिकी महत्व और उनके संरक्षण को लेकर बेहतर कदम उठाना है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) प्रशासन इस अवसर पर उत्साह के साथ पक्षी संरक्षण के महत्व को उजागर कर रहा है।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पक्षी प्रजातियों का विविधता
VTR में 241 प्रकार की पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें कलिज तीतर, पैराडाइज फ्लाईकैचर, ग्रीन बारबेट, व्हाइट-आइड वार्बलर जैसी प्रमुख प्रजातियां शामिल हैं। वन संरक्षक डॉ. नेशा मनी के अनुसार, इन पक्षियों का संरक्षण इस क्षेत्र की जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण है और VTR पक्षियों के लिए आदर्श आवास बन चुका है।
संकटग्रस्त पक्षियों का संरक्षण
VTR में कई संकटग्रस्त पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें रेडहेडेड वल्चर, स्लेंडर-बिल्ड वल्चर, और हिमालयन वल्चर जैसे गिद्ध शामिल हैं। इन प्रजातियों का संरक्षण इस बात का संकेत है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जैव विविधता संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रवासी पक्षियों का आगमन
सर्दियों के मौसम में VTR में विभिन्न देशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां ठहरती हैं। इनमें यूरेशियन कर्लेव, नॉर्दर्न लैपविंग और ग्रे-हेडेड लैपविंग जैसी प्रजातियां शामिल हैं। इसके अलावा, इस रिजर्व में स्थानीय पक्षियों की भी एक विस्तृत प्रजाति पाई जाती है, जो इस क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं।
पर्यटकों के लिए आकर्षण
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व अब पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है। यहां पक्षी संरक्षण पर शोध किया जा रहा है और यह स्थल पक्षी विज्ञान के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। यह रिजर्व अपने जैविक महत्व के कारण और अधिक संरक्षित होने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता दर्शाता है।